बड़ा कहर टला: भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा बांध टूटने से बची कई इंसानी जिंदगियां, हर कोई सहमा था
आरएसपुरा और आसपास के गांवों में पाकिस्तानी सुरक्षा बांध के टूटने से बड़ा नुकसान टल गया। लगातार बारिश के कारण बांध पर दबाव बढ़ गया था जिससे यह टूट गया। सीमांत गांवों में पानी घुस गया था जिससे लोग डर गए थे। चंदू चक और अब्दुलियां जैसे गांवों में घरों में पानी भर गया था लेकिन बांध टूटने से स्थिति नियंत्रण में आ गई।
संवाद सहयोगी, जागरण, आरएसपुरा। अगर समय पर पाकिस्तानी सुरक्षा बांध नहीं टूटता, तो आरएसपुरा और इसके सीमांत गांवों में कहर बरप सकता था। मंगलवार देर रात लगातार हो रही बारिश और बढ़ते पानी के बहाव से पाकिस्तानी सुरक्षा बांध टूट गया। इसी वजह से गांवों में जान-माल का बड़ा नुकसान टल गया।
भारतीय सीमा चौकियों तक पानी पहुंच गया था और चौकियों पर तैनात जवान भी बढ़ते जलस्तर को देखकर घबराए हुए थे। लेकिन बांध टूटने के बाद पानी का बहाव नियंत्रित हुआ और सीमांत गांवों के लोगों को राहत मिली।
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सीमांत गांव चंदू चक के सुरजीत सिंह ने बताया पानी हमारे घरों में चार-पांच फुट तक भर गया था। अगर वह बांध समय पर नहीं टूटता, तो पूरा गांव बह जाता। हम जिंदा हैं, यह हमारी किस्मत है।गांव अब्दुलियां के सौदागर चौधरी ने भी कहा, बच्चे और बूढ़े डर से सहम रहे थे। बांध के टूटने से हमारी जान बची, यह उस भय की लहर के बीच राहत की लहर थी।
गांव तू तडे में कच्चा मकान गिरा बाल बाल बच्चे घर के परिजन
मीरां साहिबत में बारिश के कारण जहां लोग पहले से ही परेशान हैं वहीं अब बारिश थोड़ी रुकने पर कच्चे मकान में रहने वाले लोगों को अपने मकान गिरने का डर सताने लगा है। ऐसी एक घटना में गांव तू तडे में कच्चे मकान में रहने वाले दयाराम का कच्चा मकान बुधवार सुबह अचानक ही गिर पड़ा। इस हादसे में उसका परिवार बाल बाल बच गया।
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जब मकान गिरा बच्चे बाहर खुले में थे और कमरे के अंदर कोई नहीं था। पीड़ित दयाराम ने बताया कि भारी बारिश के कारण उसके कमरे की छत से पहले ही पानी टपक रहा था वहीं बुधवार सुबह अचानक ही कमरे की छत गिर पड़ी। गनिमत यह रही कि कमरे के अंदर कोई नहीं था अगर होता तो उसका परिवार हादसे का शिकार हो सकता था।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा उन्हें अभी नहीं मिला है। हालांकि इसके लिए उन्होंने काफी देर से आवेदन किया हुआ है। अभी तक का मकान बनाने के लिए उन्हें एक भी किस्त जारी नहीं हुई है।
गांव के पूर्व पंच रमेश चौधरी का कहना है कि अभी भी गांव के कुछ लोगों के घर कच्चे हैं। इन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए लेकिन उन्हें अभी तक मिल नहीं रहा। सरकार को चाहिए कि जिन लोगों ने भी पक्के मकान बनाने के लिए आवेदन किए हुए हैं, उनको जल्द से जल्द राहत दी जाए। ताकि सभी लोगों को अपने घर में पक्की छत नसीब हो सके।
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