Jammu Kashmir News: रियासी के लिए नए अनुभव वाला होगा लोकसभा चुनाव, क्यों बताया जा रहा BJP का राजनीतिक हथकंडा
लोकसभा चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव काफी दिलचस्प हो रहे हैं। वहीं रियासी जिले के इस बार का लोकसभा चुनाव नए अनुभव वाला होने वाला है। रियासी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र ऊधमपुर कठुआ डोडा का हिस्सा था। लेकिन परिसीमन के बाद इसे जम्मू संसदीय क्षेत्र से जोड़ दिया गया। बीजेपी ने इसको लेकर कहा कि ऊधमपुर अलग दिशा में पड़ता है। ऐसे में जम्मू से जोड़ना सुविधाजनक रहेगा।
संवाद सहयोगी, रियासी। रियासी जिले के लिए इस बार का लोकसभा चुनाव नए अनुभव वाला रहेगा क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव तक रियासी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र ऊधमपुर कठुआ डोडा संसदीय सीट का हिस्सा था। लेकिन परिसीमन के बाद तीनों विधानसभा क्षेत्रों को ऊधमपुर कठुआ संसदीय सीट से अलग कर जम्मू संसदीय क्षेत्र से जोड़ दिया गया है।
पहले के गूल अरनास विधानसभा क्षेत्र में से गूल का कुछ हिस्सा रामबन से जोड़े जाने पर अब भी वह ऊधमुपर संसदीय सीट का हिस्सा है। इतना ही नहीं, रियासी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में भी कई बदलाव हुए हैं। इनमें पहले के गूल अरनास विधानसभा क्षेत्र अब रियासी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। जबकि पहले के रियासी विधानसभा क्षेत्र में से भमाग और कटड़ा को अलग कर श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा विधानसभा क्षेत्र बनाया गया है।
रियासी को बताया जा रहा बीजेपी का राजनीतिक हथकंडा
जिले के तीसरे विधानसभा क्षेत्र में माहौर और गुलाबगढ़ का क्षेत्र है। हालांकि लोकसभा चुनाव में पूरे जिले का सांसद कोई एक ही रहेगा, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में विधायक बदल जाएंगे। जैसे कि पहले रियासी और कटड़ा का एक ही विधायक होता था लेकिन अब रियासी और कटड़ा के अलग-अलग विधायक होंगे। रियासी जिले को ऊधमपुर संसदीय सीट से अलग कर जम्मू से जोड़ने को लेकर मतदाताओं से लेकर राजनेता क्षेत्र और सुविधा के अनुसार सही बता रहे हैं लेकिन कुछ राजनेता इसे भाजपा का राजनीतिक हथकंडा भी बता रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता तारिक बट का कहना है कि क्षेत्र के लिहाज से रियासी जिले का जम्मू संसदीय सीट से जुड़ना कई मामलों में सुविधाजनक रहेगा। लेकिन ऐसा करने का भाजपा का उद्देश्य वोट बैंक में संतुलन लाकर दोनों सीट पर कब्जा करना है, जबकि भाजपा को यह दांव उल्टा पड़ेगा क्योंकि लोगों को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधा सहित विकास चाहिए ,जो भाजपा के कार्यकाल में यहां नहीं हुआ।
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रियासी को जम्मू से जोड़ना बताया सही फैसला
भाजपा के जिला उप प्रधान पवन देव सिंह ने कहा कि ऊधमपुर अलग दिशा में पड़ता है। ऐसे में जम्मू से जोड़ना रियासी जिले के लिए पहुंच और अन्य मामलों में सुविधाजनक रहेगा। वहीं, अधिकतर मतदाताओं ने भी रियासी जिला को जम्मू से जोड़ना सुविधाजनक तथा सही फैसला बताया है। पिछले लोस चुनाव की तुलना में इस बार 16 मतदान केंद्र कम परिसीमन की वजह से इस लोकसभा चुनाव में रियासी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 16 मतदान केंद्र कम बने हैं।
इसकी एक वजह यह भी है कि पहले की गूल अरनास विधानसभा क्षेत्र से गूल का कुछ हिस्सा अब ऊधमपुर संसदीय सीट से जोड़ा गया है। इससे इस विधानसभा क्षेत्र के 95मतदान केंद्र उधमपुर संसदीय सीट के तहत चले गए हैं। जबकि श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा विधानसभा क्षेत्र के बनने से नए मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं।
इतने बनाए गए मतदान केंद्र
पिछले लोकसभा चुनाव में जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में में रियासी विधानसभा में 190, गूल अरनास में 131 और माहौर गुलाबगढ़ विधानसभा में 120 मतदान केंद्र सहित पूरे जिला में 441 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे।इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे जिला में 425 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें गुलाबगढ़ विधानसभा में 161, रियासी विधानसभा में 173 और श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा विधानसभा में 91 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
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