'कश्मीर विश्वविद्यालय ने आपको काफी कुछ दिया', LG सिन्हा और CM अब्दुल्ला ने पूर्व छात्रों से की सहयोग करने की अपील
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से उच्च शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने का आग्रह किया है। उन्होंने युवाओं को मार्गदर्शन देने और बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पूर्व छात्रों से विश्वविद्यालय को सहयोग देने की बात कही। विश्वविद्यालय को पूर्व छात्रों के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने पर जोर दिया गया।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से आग्रह किया है कि वे जम्मू-कश्मीर के उच्च शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने और युवाओं को मार्गदर्शन देने में योगदान दें। साथ ही सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी पूर्व छात्रों से कहा कि विवि ने आपको काफी कुछ दिया है, आप को इस विवि को सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों को युवाओं का समर्थन करना चाहिए और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निस्वार्थ साझा करने की परंपरा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के युग में, पूर्व छात्र संबंध किसी भी संस्थान और क्षेत्र के विकास के लिए सबसे प्रभावी रणनीति है।
कश्मीर विश्वविद्यालय को पूर्व छात्रों के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाना चाहिए जो उन्हें विश्वविद्यालय को वापस देने का अवसर प्रदान करे। उपराज्यपाल ने कश्मीर विश्वविद्यालय में मेगा एलुमनी मीट-2025 को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर विश्वविद्यालय की प्रशंसा की और कहा कि यह एक प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है और देश में अपनी पहचान बनाई है।
विवि की मेगा एलुमनि मीट में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान की सफलता का आकलन दो मुख्य मानकों से किया जा सकता है। शोध की गुणवत्ता और पूर्व छात्रों की उपलब्धियां। उन्होंने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय इन दोनों मानकों पर देश के अन्य विश्वविद्यालयों से पीछे नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने कानून, राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा, सामाजिक कार्य और व्यवसाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और पहचान प्राप्त की है।
इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सूर्या कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस राजेश बिंदल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण पल्ली, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कश्मीर विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर निलोफर खान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपराज्यपाल ने पूर्व छात्रों को बधाई दी और कश्मीर विश्वविद्यालय की सराहना की, जिसने कई प्रतिभाशाली व्यक्तियों को तैयार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र न केवल अपने विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि होते हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने युवाओं को इंटर्नशिप और करियर की संभावनाओं में समर्थन देने और उन्हें प्रेरित करने के लिए पूर्व छात्रों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि जम्मू-कश्मीर ने इस दिशा में उल्लेखनीय काम किया है।
कश्मीर विश्वविद्यालय में आज का दिन खास है, जहां पूर्व छात्रों का सम्मान हो रहा है। उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शैक्षणिक संस्थानों में लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने इस दिशा में उल्लेखनीय काम किया है और डिजाइन योर डिग्री जैसे नवाचारी कार्यक्रम देश के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय को बधाई दी, जिसने हाल ही में नैक से ए डबल प्लस ग्रेड हासिल किया है और देश के शीर्ष संस्थानों में अपनी जगह बनाई है। इस मौके पर पूर्व छात्रों का सम्मान किया गया।
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