Leh News: देवेंद्र फडणवीस ने त्रिशूल युद्ध स्मारक व संग्रहालय की रखी नींव, बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि
फडणवीस ने कहा कि त्रिशूल युद्ध स्मारक व संग्रहालय उन सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगा जिन्होंने लद्दाख में राष्ट्र की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि नागरिक व सैन्य सहयोग का प्रतीक यह संग्रहालय नई पीढ़ी को देशसेवा करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने इस मौके पर विश्वास दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार इस महत्वपूर्ण को सफल बनाने में सेना को हर संभव सहयोग देगी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने लेह के कारू में रविवार को त्रिशूल युद्ध स्मारक व संग्रहालय के नवीनीकरण के कार्य का शिलान्यास किया। फडणवीस इस समय लद्दाख दौरे पर हैं। उन्होंने उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा के साथ बैठक भी की थी।
रविवार को लेह के कारू पहुंचे फडणवीस ने शिलान्यास के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ युद्ध स्मारक पर उन बलिदानियाें को श्रद्धांजलि दो देश की रक्षा करने के लिए दुश्मन से अंतिम सांस तक लड़े थे। इस मौके पर उनके साथ सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर, सेना के त्रिशूल डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य श्रीकांत भारतीय भी मौजूद थे।
नई पीढ़ी को देशसेवा करने के लिए प्रेरित करेगा
इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि त्रिशूल युद्ध स्मारक व संग्रहालय उन सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगा जिन्होंने लद्दाख में राष्ट्र की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि नागरिक व सैन्य सहयोग का प्रतीक यह संग्रहालय नई पीढ़ी को देशसेवा करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने इस मौके पर विश्वास दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार इस महत्वपूर्ण को सफल बनाने में सेना को हर संभव सहयोग देगी।
इस मौके पर देश सेवा में अहम याेगदान देने वाले लद्दाख के कई पूर्व सैनिकों के साथ वीर नारियां, क्षेत्र के निवासी व विद्यार्थी भी मौजूद थे। लद्दाख के पहाड़ों की रक्षक सेना की त्रिशूल डिवीजन का इतिहास गौरवशाली है। इस डिवीजन के जवानों व अधिकारियों ने 1962 के बाद क्षेत्र में लड़े गए सभी युद्धाें में वीरता का लोहा मनवाया है।
ऐसे में वीरता का प्रतीक युद्ध स्मारक व संग्रहालय यह त्रिशूल के आकार में होगा। संग्रहालय में तीन प्रदर्शनी हाल होंगे। जिनमें तक के सभी सैन्य आपरेशनों की यादगारें होंगी। संग्रहालय में एक सभागार भी होगा जिसमें लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना की गौरवशाली उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
लद्दाख के पहाड़ों व सिंधु नदी की ओट में यह स्मारक व संग्रहालय लगभग 9,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित होगा। इसके बनने के बाद टूरिस्ट सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटकों का यहां आना तय है।
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