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    Ladakh Tourism: लद्दाख में पर्यटन को झटका, लेह हिंसा के बाद बुकिंग रद; कमरों में बंद हुए पर्यटक

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    लेह में हिंसक प्रदर्शनों के चलते लद्दाख के पर्यटन पर बुरा असर पड़ा है। पर्यटकों ने बुकिंग रद कर दी है जिससे होटल और टूर ऑपरेटरों को नुकसान हो रहा है। कर्फ्यू और इंटरनेट बंद होने से पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय व्यवसायी हालात सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं।

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    लद्दाख में पर्यटन को झटका। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। लेह में हिंसक प्रदर्शनों से उपजे हालात में लद्दाख के पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। लद्दाख आने की तैयारी कर रहे पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद करवाना शुरू कर दी है। वहीं पहले से लद्दाख पहुंचे पर्यटकों को भी होटल तक सीमित होना पड़ रहा है।

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    पर्यटन सीजन की शुरुआत में पहलगाम हमले से उपजे हालात का भी लद्दाख पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। सैकड़ों पर्यटकों ने लद्दाख आने की अपनी बुकिंग कैंसिल करवाई थी।

    अब लेह में हिंसक प्रदर्शन व उसके बाद लेह जिले में छह दिन से जारी कर्फ्यू ने उपजे हालात ने लद्दाख के पर्यटन पर प्रभावित कर दिया है। पर्यटन ने लद्दाख के होटलों में अपनी बुकिंग रद करवा दी है। इसके साथ कई टूर ऑपरेटरों के साथ पर्यटकों के टूर प्लान भी रद हुए हैं।

    लेह के एक होटल के मैनेजर नसीब सिंह का कहना है कि छह दिनों से रोजाना हमारी बुकिंग रद हो रही हैं। शहर बंद होने की वजह से आवश्यक सामान की भी कमी हो गई है।

    उनका कहना है कि पिछले दस सालों में लेह में मैंने ऐसा माहौल कभी नहीं देखा। वहीं, लेह के ट्रांसपोर्टर रिगजिन दोरजे का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से पहलगाम हमले का लद्दाख के पर्यटन पर गहरा असर पड़ा था और पर्यटकों की आमद कम हो गई थी।

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पर्यटक आने लगे थे, लेकिन अब एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। एक स्थानीय होटल व्यवसायी ने कहा, कि हम तो उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हों। हर दिन की अनिश्चितता हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर असर डाल रही है।

    पर्यटकों ने क्या कहा

    इसी बीच लेह में हालात खराब होने के बाद फंसे पर्यटक कर्फ्यू व इंटरनेट बंद होने के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ताइवान की पर्यटक शीना ने बताया कि यहां आने के बाद सब कुछ बंद मिला। न तो मैं पैसे एक्सचेंज कर पा रही हूं और न ही खाना खरीद पा रही हूं।

    उन्होंने बताया कि उन्होंने पैंगोंग झील देखने की योजना बनाई थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। दिल्ली से आई अर्पणा दास ने कहा बाजार बंद हैं, इंटरनेट भी नहीं चल रहा। हम कहीं नहीं जा पाए। यही उम्मीद है कि सब जल्द सामान्य हो।

    24 सितंबर को हुई थी हिंसक झड़प

    लेह में 24 सितंबर को बंद के दौरान हिंसक झड़प से हालात खराब हो गए थे। इस दौरान प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हुए थे।

    इसके बाद प्रशासन ने स्थिति संभालने के लिए कर्फ्यू लगा दिया। शनिवार को दो बार में चार घंटे की छूट के अलावा सोमवार को लगातार छठे दिन भी लेह पूरी तरह बंद रहा। दो घंटे के लिए किराना व मेडिकल की दुकानें खुलीं।