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    किश्तवाड़ के पहाड़ों में चार साल पहले भी बादल फटने से मची थी तबाही, आज तक नहीं मिले लापता लोग

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 03:29 PM (IST)

    किश्तवाड़ के चिशौती में बादल फटने की घटना ने लोगों को 2021 में होंजड़ गांव में हुई तबाही की याद दिला दी जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी और 19 लापता हो गए थे। स्थानीय लोगों में भारी भय है खासकर तेज बारिश और काले बादलों के दौरान। चिशौती की घटना ने पुराने जख्मों को ताजा कर दिया है।

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    पहाड़ी इलाकों में ढलान पर बने घरों में हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है

    डिजिटल डेस्क, किश्तवाड़। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी जिले किश्तवाड़ के चिशौती में बादल फटने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले जिले की दच्छन तहसील के होंजड़ गांव में भी बादल तबाही मचा चुके हैं। चार वर्ष पहले जुलाई 2021 में हुई इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 19 लोग लापता हो गए थे। जिनका पता आज तक नहीं चल पाया है।

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    इस कारण जिले के लोगों में बादलों को लेकर इतना भय है कि जब भी तेज बारिश और काले बादल आसमान में दिखते हैं, उनमें भय दिखने लगता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक वह होंजड़ गांव में हुई बादल फटने की घटना को नहीं भूल पाए हैं।

    उस दिन भी इसी प्रकार से तेज बारिश हो रही थी। अचानक पता चला कि होंजड़ में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इस घटना में आठ मकान पूरी तरह से बाढ़ में बह गए थे जबकि कई अन्य घरों को भी नुकसान पहुंचा था।

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    पानी का बहाव इतना तेज था कि कई किलोमीटर दूर तक लोगों की लाशें मिली थी। कई परिजन आज तक अपने सगे संबंधियों के वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन ने न तो उन्हें मृत घोषित किया और न ही उनका कोई पता चल पाया।

    चिशौती ने आज फिर वही यादें ताजा कर दी

    चिशौती में भी आज जब यह घटना हुई तो एक बार फिर से वही यादें ताजा हो गई। इन पहाड़ों में लोगों के घर ढलान पर स्थित हैं। कई जगहों पर यह आशंका बनी रहती है कि अगर तेज बारिश हुई तो कभी भी कोई बड़ा नुकसान हो सकता है। इस समय तो मचैल माता की यात्रा चल रही है। इस समय पुराने अनुभवों को देखते हुए प्रशासन को पहले ही सुरक्षा के बेहतर प्रबंध करने चाहिए थे।

    स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि तेज बारिश में कभी भी यात्रा को जारी रखनें की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पहाड़ी मार्ग होने के कारण किसी भी हादसे में लोगों के बचने की आशंका कम ही रहती है।

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    हादसे में बचे लोगों के चेहरे पर साफ दिख रहा था भय

    वहीं इस हादसे में बचने वाले लोगों के चेहरों पर भय साफ दिख रहा था। लोग घटनास्थल से दूर सुरक्षित स्थानों की ओर लगातार जा रहे हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन मचैल यात्रा पर आने के इच्छुक लोगों से अनुरोध किया है कि अगली सूचना तक वे यात्रा स्थगित करें और प्रशासन का पूरा सहयोग करें ताकि हर किसी की जिंदगी को सुरक्षित बनाया जा सके।