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    Kishtwar Cloudburst: अब तक 60 की मौत... किश्तवाड़ में बादल फटने से हाहाकार, हजारों लोगों को बचाने में जुटी सेना

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 11:09 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिसौती गांव में बादल फटने से 60 लोगों की दुखद मौत हो गई है और 100 से अधिक घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अर्धसैनिक बल बचाव कार्य में जुटे हैं और 167 लोगों को बचाया गया है। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवा बाधित हुई है लेकिन बचाव अभियान तेजी से चल रहा है।

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    किश्तवाड़ में बादल फटने से हाहाकार, 60 की मौत (सोशल मीडिया फोटो)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत किश्तवाड़ के गांव चिसौती में बादल फटने की घटना से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दी। वहीं, बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, मचेल गांव में हजारों लोग अभी फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए एडीआरएफ और अर्धसैनिक बल के जवान जुटे हुए हैं। 

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    बादल फटने की घटना से पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसलिए थोड़ा रास्ता बनाकर उन्हें एकएक कर निकाला जा रहा है। इसके बाद लापता लोगों को खोजने के लिए ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। 

    अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव पहुंची। इस बीच 167 लोगों को बचाया गया है। वहीं, शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला ने बताया कि मृतकों की संख्या 60 पहुंच गई है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों घायल अवस्था में है।

    हेलीकॉप्टर सेवा में आई बाधा

    किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि NDRF की टीम गांव में चल रहे अभियान में शामिल हो रही है। वे देर रात गुलाबगढ़ पहुंच गए हैं। अभियान की निगरानी कर रहे शर्मा ने कहा कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं चल सके, इसलिए टीम उधमपुर से सड़क मार्ग से आई। अधिकारियों ने बताया कि दो और टीमें रास्ते में हैं और ज्यादा नुकसान होने के कारण वे भी अभियान में शामिल होंगी।

    उन्होंने बताया कि सेना ने खोज और बचाव अभियान को तेज करने के लिए एक और टुकड़ी भी शामिल की है। राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी अभियान में शामिल हो गए हैं। अधिकारी ने बताया कि 60-60 जवानों वाली पाँच टुकड़ियां, कुल 300 जवान, व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियों के साथ, ज़मीन पर मौजूद हैं और पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों की जान बचाने और ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।

    कहां आई यह आपदा?

    जम्मू के किश्तवाड़ से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर चशौती गांव के मचैल माता मंदिर में बादल फटा। तकरीबन नौ हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद मचैल माता मंदिर जाने के लिए यहां से करीब आठ किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। आपदा के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां टैंटों में रुके हुए थे, तभी बादल फटने से अचानक सैलाब आया। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही सैलाब सब कुछ बहाकर ले गया।

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