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    जम्मू-कश्मीर में छिपे हैं 35 आतंकी, मांद में घुसकर मार गिराने की तैयारी; सेना चला रही 'खोजो सफाया करो' अभियान

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 06:54 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ सर्दियों में नई रणनीति अपनाई है। अब वे बर्फ से ढके पहाड़ों और जंगलों में आतंकियों के ठिकानों पर घुसक ...और पढ़ें

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    नवीन नवाज, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मार गिराने और पकड़ने के लिए राज्य में बड़े रणनीतिक बदलाव के साथ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों की तरफ सिर्फ जम्मू संभाग में ही 35 पाकिस्तानी आतंकियों के सक्रिय होने की आशंका जताई गई है। पहाड़ों पर बर्फ भी गिर चुकी है, लेकिन इस बार सुरक्षाबल आतंकियों के निचली बस्तियों में आने का इंतजार नहीं कर रहे हैं।

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    सुरक्षाबलों ने सर्दियों में अपनी रणनीति को पूरी तरह बदलते हुए आतंकियों को उनकी मांद में ही मार गिराने के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों व जंगलों और सटी बस्तियों में बड़े स्तर पर आतंकरोधी अभियान शुरू किया है।

    अभियान में सेना की विंटर वारफेयर में विशेषज्ञ टुकडि़यों को भी शामिल किया गया है। ड्रोन, ग्राउंड सेंसर और सर्विलांस रडार समेत विभिन्न अत्याधुनिक उपकरण भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं, ताकि आतंकियों की हर संभावित गतिविधि का तत्काल पता लगाकर उन्हें मार गिराया जा सके।

    यह अभियान दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और मध्य कश्मीर के बड़गाम के अलावा जम्मू संभाग में किश्तवाड़, डोडा, ऊधमपुर, कठुआ और राजौरी व पुंछ जिलों के उन पर्वतीय इलाकों में शुरू किया गया है, जो आतंकियों के प्रभाव वाले हैं और सर्दियों के दौरान बर्फ से अन्य इलाकों से कटे रहते हैं।

    आतंकी इन इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों का पूरा लाभ उठाते हैं और सर्दियों में इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की कम आवाजाही के चलते वे स्थानीय ग्रामीणों के घरों में जबरन डेरा जमा लेते हैं या फिर खानाबदोश गुज्जर समुदाय द्वारा खाली किए गए डेरों को अपना ठिकाना बनाते हैं।

    इस बार सुरक्षाबल सर्दियों में पूर्व सक्रियता की रणनीति के तहत अपने अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स प्रमुख भूमिका निभा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) और सीआरपीएफ की टुकडि़यां भी इस अभियान का हिस्सा हैं।

    जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या को लेकर कोई भी आधिकारिक तौर स्पष्ट दावा नहीं करता, लेकिन विभिन्न खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, जम्मू संभाग में लगभग 35 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। कश्मीर घाटी में वह इनकी संख्या दोगुनी हो सकती है।

    एक माह में कई जगह आतंकियों से हुआ आमना-सामना

    जम्मू संभाग के ऊधमपुर, किश्तवाड़ और कठुआ जिलों के पहाड़ों पर पिछले एक माह में कई बार आतंकियों की सूचना या उन्हें देखे जाने पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाए हैं। कई बार आतंकियों और सुरक्षाबल के बीच गोलीबारी भी हुई, लेकिन आतंकी भाग गए। अब सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को मार गिराने के लिए पूरी रणनीति के साथ व्यापक अभियान चलाया है।

    देखो, खोजो, सफाया करो के तहत चल रहा अभियान

    आतंकियों के सफाए का यह अभियान 'सी-स्वीप-सर्विलांस' यानी देखो, सफाया करो और निगरानी रखो के सिद्धांत के आधार पर चलाया जा रहा है। यह सेना व अन्य सुरक्षाबलों द्वारा अपनाई जा रही नयी शीतकालीन रणनीति है। इसके तहत सुरक्षाबलों का ध्यान चिह्नित इलाकों में बचे-खुचे आतंकियों को समाप्त करने पर है।