Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जम्मू-कश्मीर सरकार का बड़ा फैसला, सभी सरकारी प्रतिष्ठानों-संस्थानों, स्थानीय निकायों में लगाएं प्रीपेड स्मार्ट मीटर

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 12:08 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, संस्थानों और स्थानीय निकायों में प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला बिजली क ...और पढ़ें

    Hero Image

    अब सरकार सभी सरकारी संस्थानों को इसमें शामिल करना चाहती है।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, संस्थानों, स्थानीय निकायों और आवासीय कालोनियों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का निर्देश दिया है।

    वित्त विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने, चौबीसों घंटे विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करने और आपूर्ति की औसत लागत और कुल राजस्व के बीच के अंतर को कम करने के लिए बिजली बिलों का समय पर भुगतान आवश्यक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सर्कुलर में कहा गया है कि निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और कुल तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को कम करने के लिए बिजली विभाग की वितरण कंपनियों द्वारा रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है। यह अभियान पहले से ही घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए चल रहा है और अब सरकार सभी सरकारी संस्थानों को इसमें शामिल करना चाहती है।

    सभी विभागों से कहा गया है कि वे सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए जेपीडीसीएल और केपीडीसीएल के साथ समन्वय करें। वित्त विभाग ने विभागों को अपने प्रशासनिक नियंत्रण वाली इमारतों में मीटर लगानेे के काम को तेज़ करने का भी निर्देश दिया है।

    विभागों को 008 बिजली शुल्क हेड के तहत पर्याप्त बजट का प्रावधान करने और उसे वित्त विभाग को जमा करने का निर्देश दिया गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि किसी भी अतिरिक्त वित्तीय ज़रूरत को विचार के लिए अलग से बताया जाना चाहिए।

    यह निर्देश वित्त विभाग के डायरेक्टर जनरल बजट द्वारा जारी किया गया था और पालन के लिए सभी वरिष्ठ प्रशासनिक प्रमुखों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों को भेजा गया था।