जम्मू में 400 घंटों बाद भी गुलजार नहीं हुए उजड़े आशियाने, 17 दिन पहले तीन घंटों की बारिश ने मचाई थी हर तरफ तबाही
जम्मू के पीरखोह और गुज्जर नगर में 26 अगस्त की वर्षा से बेघर हुए लोग 17 दिनों बाद भी परेशान हैं। मलबा सीलन और शॉर्ट सर्किट के कारण घरों में बिजली नहीं है जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं चल रहे। बिजली विभाग ने अलग से तार लगाकर बिजली पहुंचाई है लेकिन दीवारें गीली होने के कारण बल्ब जलाना भी मुश्किल है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। शहर के पीरखोह और गुज्जर नगर पर 26 अगस्त, मंगलवार को तीन घंटे की वर्षा से बिखरे आशियाने आज 17 दिनों बाद भी गुलजार नहीं हो पाए हैं। मलबा, सीलन व शार्ट सर्किट के चलते घरों में बिजली नहीं चलने से कोई इलेक्ट्रानिक उपकरण नहीं जल रहा।
बिजली ढांचा ठीक करने के बाद विभाग ने लोगों को अलग तार लगाकर बिजली घरों तक पहुंचा दी।मजबूरी यह है कि अलग बल्ब लगाकर घरों को रोशन किया जा रहा है कि क्योंकि घरों की दीवारें गीली हैं। उनसे पानी रिस रहा है। कई घरों के अंदर अभी भी मलबा जमा है। लोग सफाई में जुटे हुए हैं लेकिन दीवारें गीली होने के कारण शार्ट होने का खतरा ज्यादा है।
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बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी लोगों को सचेत किया है कि वे तब तक बिजली न जलाएं जब तक गीली दीवारें सूख नहीं जाती और घरों के अंदर बिजली की जांच नहीं कर ली जाती। आफत की वर्षा को हुए वीरवार को 17 दिन हो गए हैं। न तो पूरे घरों में बिजली जली है, न पानी चढ़ा है। न ही बाथरूम ही इस्तेमाल हो पा रहे हैं। लाेग सामुदायिक शौचालयों अथवा खुले में शौच को मजबूर हैं।
पानी तो आया लेकिन मोटरें नहीं चलीं
पीरखोह, गुज्जर नगर में बिजली ढांचे को ठीक करने के बाद पानी तो आना शुरू हो गया है लेकिन घरों में बिजली नहीं होने के कारण लोग मोटरें नहीं चला पा रहे। नतीजतन घरों की छतों पर रखी टंकियाें तक पानी नहीं पहुंच रहा।
बाल्टियों, कैनियों से पानी भरकर गुजारा करना पड़ रहा है। जब तक घरों से मलबा नहीं निकल जाता और दीवारें सूख नहीं जाती, तब तक बिजली लगाना मौत को दावत देने सामान है। लिहाजा धूप खिलने और घर सूखने के इंतजार में जिंदगी मायूस हुई पड़ी है।
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राजीव कालोनी में दुबर होती जिंदगी
विक्रम चौक के साथ लगती राजीव कालोनी के करीब 40 घरों में अभी भी कई-कई फुट मलबा फैला हुआ है। यहां पानी, बिजली तो आ चुकी है लेकिन छोटी गलियां मलबे से भरी पड़ी हैं। गलियां साफ होंगी, तभी घरों से मलबा निकाल कर बाहर लाना संभव हो पाएगा।
मलबे से ढके घरों के लोग दूसरों के सहारे जीवनयापन को मजबूर हैं। लोगों की छतें, खराब हुए बिस्तरों, कपड़ों व सामान से भरे पड़े हैं। हजारों टन मलबा, ठिकाने लगा पाना लोगों के बस की बात नहीं। लिहाजा जम्मू नगर निगम और प्रशासन का मुंह ताक रहे लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब उनकी बारी आएगी।
जारी है कदमताल
प्रशासन, जम्मू नगर निगम की तरफ से मुहल्लों में साफ-सफाई करने के साथ क्षतिग्रस्त ढांचे को ठीक करने का काम पिछले एक पखवाड़े से अभी तक जारी है। काफी काम हो चुका है। बिजली और पानी की बहाली के साथ मुख्य गलियों को चलने लायक बनाने का काम अंतिम चरण में है। अब लोगों के घरों से मलबे निकालने की प्रक्रिया जारी है।
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