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    जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की फटकार: घाटी में बाढ़ की आशंका से निपटने के लिए प्रशासन 3 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करें

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 11:59 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने घाटी में बाढ़ की आशंका से निपटने के प्रशासन के तौर-तरीकों पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायालय ने पारिस्थितिक क्षरण और बाढ़ के जोखिमों से निपटने के उपायों पर सरकार से तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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    बाढ़ जल बिखराव नहनों की मौजूदा स्थिति पर न्यायालय ने गंभीर चिंता जताई और अतिक्रमण, कुप्रबंधन पर नाराजगी व्यक्त की।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने घाटी में बाढ़ की आशंका से निपटने के प्रशासन के तरीके को लेकर कड़ी फटकार लगाई है और सरकार को पारिस्थितिक क्षरण और बाढ़ के जोखिमों से निपटने के उपायों पर तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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    मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायमूर्ति राजेश ओसवाल की खंडपीठ ने बुधवार को पर्यावरण नीति समूह (ईपीजी) बनाम भारत संघ एवं अन्य (जनहित याचिका संख्या 8, 2017) मामले की सुनवाई की और दोनों पक्षों को सुना।

    घाटी मे बाढ़ से निपटने और बचाव का मुख्य सुरक्षा उपाय बाढ़ जल बिखराव नहनों की मौजूदा स्थिति पर न्यायालय ने गंभीर चिंता जताई है।

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    एमिकस क्यूरी एडवोकेट नदीम कादरी ने अतिक्रमण और कुप्रबंधन को दर्शाते हुए सचित्र साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसे खंडपीठ ने चिंताजनक बताया। मुख्य न्यायाधीश पल्ली ने दुख व्यक्त किया कि चैनल के कुछ हिस्सों को फुटबाल के मैदानों में बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक लापरवाही का चौंकाने वाल हे।

    कश्मीर के मंडलायुक्त सुनवाई के दौरान वर्चुअल रूप से उपस्थित हुए। न्यायालय ने सरकार को एमिकस क्यूरी की सिफारिशों और ईपीजी संयोजक फैज बख्शी द्वारा आठ सितंबर को दायर एक व्यापक रिपोर्ट पर एक एटीआर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    क्षेत्रीय टिप्पणियों पर आधारित इस रिपोर्ट में बार-बार आने वाली बाढ़ की आशंका और एक विश्वसनीय बाढ़ प्रबंधन योजना तैयार करने में अधिकारियों की अक्षमता को रेखांकित किया गया है।

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    ईपीजी का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट शफकत नजीर ने पीठ के कई पूर्व आदेशों के गंभीर गैर-अनुपालन को भी उजागर किया और न्यायालय से जवाबदेही सुनिश्चित करने का आग्रह किया