जम्मू-कश्मीर पुनर्वावास सहायता योजना अधिसूचित, छह सितंबर से प्रभावी मानी जाएगी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भारतीय संविधान की धारा 309 के तहत मिले अधिकारों के आधार पर योजना को प्रभावी बनाने की अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश प्रशासनिक परिषद ने गत माह इस पुनर्वावास सहायता योजना को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की नीति, जम्मू-कश्मीर पुनर्वावास सहायता योजना, 2022 को प्रभावी बनाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। यह योजना प्रदेश में छह सितंबर 2022 से प्रभावी हो गई है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भारतीय संविधान की धारा 309 के तहत मिले अधिकारों के आधार पर योजना को प्रभावी बनाने की अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश प्रशासनिक परिषद ने गत माह इस पुनर्वावास सहायता योजना को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब इसे प्रभावी बना दिया गया है। इस योजना के तहत अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की नीति को भी संशोधित किया है। इस योजना के तहत एसआरओ-43 के तहत अनुकंपा के आधार पर नौकरी के सभी मामलों की उनकी योग्यता,पात्रता के आधार पर जांच व छंटनी के लिए आनलाइन पोर्टल भी शुरु किया गया है ताकि इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि यह फैसला बीते कई वर्ष से अर्जित अनुभव के आधार पर विकसित सर्वाेत्तम प्रथाओं के आधार पर शोक संतप्त परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए,उसके दावोंं की योग्यता व संबधित नियमों के आधार पर आकलन कर न्यायसंगत, समावेश और जवाबदेही के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का तंत्र विकसित करने के इरादे से लिया गया है।नई योजना सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति या मौद्रिक मुआवजा प्रदान करेगी, जिसकी मृत्यु जम्मू और कश्मीर सीमा के भीतर नियंत्रण रेखा/अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवाद से संबंधित कार्रवाई के परिणामस्वरूप या दुश्मन की कार्रवाई के कारण हो सकती है।
इस योजना से दिवंगत सरकारी अधिकारी व कर्मी के परिवार को आर्थिक तंगी से बचाने के लिए नकत सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ आतंकी गतिविधियों में लिप्त, सेवानिवृत्त और बिना पेंशन लाभ सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजनों को नहीं मिलेगा।पुनर्वास सहायता योजना को पूरी तरह से न्यायसंगत व पारदर्शी बनाने और इसके दुरुपयोग को पूरी तरह से रोकने के लिए नयी योजना में योजना में एक नामित पोर्टल पर महाप्रशासनिक विभाग (जीएडी) में केंद्रीकृत तरीके से आनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इसे साथ ही इन आवेदनों के मूल्यांकन और सिफारिशों के लिए जीएडी में एक स्क्रीनिंग समिति का गठन होगा, ऐसे मामलों, जहां छूट की आवश्यकता नहीं है, में जीएडी के प्रशासनिक सचिव को अनुकंपा नियुक्ति/मौद्रिक मुआवजे के मामले को मंजूरी देने के लिए एकमात्र सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है।
नियमों में छूट के मामलों पर विचार करने के लिए पांच प्रतिशत की सीमा का प्रस्ताव, छूट मानदंड को और अधिक पारदर्शी/उद्देश्य बनाने, और आवेदकों को आवेदन जमा करने की तारीख से पांच साल तक विचार हेतु पात्र रखने के प्रावधान शामिल किए गए हैं।इसके अलावा आज मंजूर की गई योजना के तहत योग्य उम्मीदवारों की रिक्तियों की संख्या व योग्यता सूची वार्षिक तौर पर तैयार होगी और पात्र उम्मीदवारों को तिमाही आधार पर प्वाइंट-बेस्ड योग्यता प्रणाली के संबंध में प्राप्त योग्यता के आधार पर माना जाएगा। प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए उम्मीदवारों की दोनों रिक्तियों की मेरिट सूची सार्वजनिक की जाएगी। संबधित विभाग में मल्टी टास्किंग स्टाफ या समकक्ष या निम्नतम अराजपत्रित संवर्ग के पदों के लिए अनुकंपा आधार पर नियुक्ति की जाएगी।
हालांकि, यदि कोई आवेदक स्नातक है या उच्च योग्यता रखता है, तो अराजपत्रित संवर्ग में नियुक्ति पर विचार करने के लिए विवेकाधिकार की अनुमति देने के प्रावधान हैं।उन्होंने बताया कि जीएडी में पहले से ही एसआरओ-43 के तहत अनुकंपा नियुक्ति के लंबित पड़े विभिन्न मामलें जिनमें नियमों में छूट के अलावा अन्य विभाग में पद की पहचान शामिल है, समय-समय पर संशोधित 1994 के एसआरओ 43 के अनुसार निपटाए जाएंगे।इसके अलावा, नई योजना में निर्माण इकाई या व्यापारिक उद्यम स्थापित करने हेतु निर्धारित मानदंडों के अनुसार ऋण प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्वरोजगार/सरकार प्रायोजित रोजगार सृजन योजनाओं के तहत आश्रितों को सहायता प्रदान करने का भी प्रावधान है। नई योजना से उन कर्मचारियों के आश्रितों को तत्काल सहायता प्रदान करने की उम्मीद है जिनकी काम के दौरान मृत्यु हो जाती है।
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