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    Jammu-Kashmir: खुशखबरी! कश्मीर की वादियों को विश्व के सबसे ऊंचे पुल से निहार सकेंगे पर्यटक; रेल से जुड़ा महज 56 KM का काम बाकी

    Updated: Thu, 25 Jan 2024 12:32 PM (IST)

    Jammu-Kashmir देश को कश्मीर से रेल नेटवर्क के जरिये जोड़ने को लेकर युद्धस्तर पर जारी काम के बीच रेलवे निरंतर आगे बढ़ रहा है। इसे लेकर रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एक बार फिर से 111 किलोमीटर बनिहाल-कटड़ा रेल खंड के निरीक्षण के लिए 30 जनवरी को आ रहे हैं। वे रेल परिचालन के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेंगे।

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    Jammu-Kashmir: खुशखबरी! कश्मीर की वादियों को विश्व के सबसे ऊंचे पुल से निहार सकेंगे पर्यटक

    अमित माही, ऊधमपुर। देश को कश्मीर से रेल नेटवर्क के जरिये जोड़ने को लेकर युद्धस्तर पर जारी काम के बीच रेलवे निरंतर आगे बढ़ रहा है। पहले रामबन जिला में बनिहाल से आगे खड़ी तक 15 किलोमीटर ट्रेन चलाने की तैयारी थी, लेकिन अब संगलदान तक करीब 55 किमी रेल दौड़ाने की योजना पर काम हो रहा है। रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एक बार फिर से 111 किलोमीटर बनिहाल-कटड़ा रेल खंड के निरीक्षण के लिए 30 जनवरी को आ रहे हैं।

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    रेल परिचालन के लिए निरीक्षण जल्द लेंगे जायजा

    दो दिवसीय दौरे के दौरान वह खड़ी से कटड़ा तक का ट्राली व सड़क मार्ग से निरीक्षण कर रेल परिचालन के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेंगे। पूरी तैयारी है कि बनिहाल से संगलदान के बीच फरवरी के अंत या मार्च के मध्य तक रेल परिचालन शुरू कर दिया जाए। इसके बाद केवल संगलदान ने कटड़ा के बीच करीब 56 किलोमीटर के हिस्से में ही काम शेष रह जाएगा।

    फिलहाल ट्रेन जम्मू से कटड़ा तक चलती है

    इस हिस्से में भी विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे के आर्च पुल के साथ केबल पुल व अन्य कई सुरंग बनकर तैयार हो चुकी हैं। इसी वर्ष के मध्य तक ट्रेन कश्मीर तक पहुंचाने की योजना है। मौजूदा समय में ट्रेन जम्मू से आगे कटड़ा तक तथा कश्मीर की तरफ से बनिहाल तक चलती है। रेलवे की ओर से सीआरएस दिनेश चंद देशवाल के प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, वह 30 जनवरी को सुबह विमान से श्रीनगर पहुंचेंगे

    सुरक्षा व्यवस्था का लिया जाएगा जायजा

    उसके बाद वह ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) प्रोजेक्ट के सीईओ, उत्तर रेलवे व इरकान के अधिकारियों के साथ बैठक कर परियोजना के काम की समीक्षा करेंगे। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन 31 जनवरी को वह मोटर ट्राली से खड़ी से संगलदान तक करीब 25 किलोमीटर लंबे रेल खंड का निरीक्षण कर रेल परिचालन से संबंधित सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे।

    तीन जनवरी को हो चुका है अंतिम निरीक्षण

    बनिहाल से खड़ी के बीच 14.869 किलोमीटर रेल खंड का सीआरएफ इसी माह तीन जनवरी को अंतिम निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बाद प्रबल संभावना थी कि इस हिस्से में जनवरी में ही रेल परिचालन शुरू हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अब योजना में कुछ बदलाव किया गया है।

    अब रेलवे बनिहाल से संगलदान तक एकसाथ तकरीबन 55 किलोमीटर रेल परिचालन शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। वहीं, खड़ी से बागे सुंबड के बीच करीब 15 किलोमीटर का ट्रैक भी रेल परिचालक शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है। इस हिस्से में देश की सबसे लंबी 12.75 किमी लंबी रेलवे सुरंग भी शामिल है। सीआरएस खड़ी से संगलदान तक ट्रैक का निरीक्षण करेंगे।

    एक-दो माह का अतिरिक्त समय भी लग सकता है

    निरीक्षण के दूसरे व अंतिम दिन सीआरएस संगलदान से कटड़ा तक के रेल खंड का निरीक्षण करेंगे। इस खंड पर पूरी तरह से रेलवे ट्रैक नहीं बिछ पाया है। जहां पर रेल लाइन बिछी होगी उस हिस्से का निरीक्षण वह रेल ट्राली और अन्य जगह सड़क मार्ग से पहुंचकर निरीक्षण करेंगे।

    इसके बाद कटड़ा से जम्मू पहुंच कर वह नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे। सूत्रों की माने तो संगलदान से कटड़ा तक रेल चलाकर देश को कश्मीर से जोड़ने में एक-दो माह का अतिरिक्त समय लग सकता है, क्योंकि हाल में कटड़ा के पास टी-1 की खोदाई का काम पूरा करने के बाद बाकी के काम पूरे करने में अभी कुछ समय लगेगा।

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