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    जम्मू-कश्मीर में 2.39 करोड़ का नौकरी घोटाला, डीजीपी ने पीड़ितों को बांटे 1.53 करोड़ रुपये

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:15 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नगरोटा पुलिस स्टेशन में फर्जी जॉब स्कैम के 22 पीड़ितों को 1.53 करोड़ रुपये लौटाए। डीजीपी नलिन प्रभात की मौजूदगी में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी की संपत्ति कुर्क कर पीड़ितों को राशि लौटाई। यह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत पहली संपत्ति कुर्की है।

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    डीजीपी ने एसएचओ नगरोटा की प्रशंसा की।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा जब नगरोटा पुलिस स्टेशन में 2.39 करोड़ के बहुचर्चित फर्जी जाब स्कैम मामले में 22 पीड़ितों को 1.53 करोड़ की राशि लौटाई। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक डीजीपी नलिन प्रभात विशेष तौर पर मौजूद रहे।

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    इस मामले का मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह, निवासी पलांवाला, खुद को भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट कर्नल बताकर एमईएस, रक्षा मंत्रालय व डीआरडीओ में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 2.39 करोड़ की ठगी कर चुका था। यह मामला तब सामने आया जब नगरोटा निवासी अरुण शर्मा ने 6 नवंबर 2024 ने नगरोटा पुलिस थाने में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी।

    पुलिस ने आरोपी को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ दिन पुलिस ने आरोपित से 75 लाख रुपये लेकर ठगी के शिकार लोगों को लौटाई थी। मंगलवार को इसी कड़ी में पीड़ितों को 78 लाख रुपये लौटाएं गए।

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    इस अवसर पर आईजीपी जम्मू जोन भीम सेना टुटी, डीआईजी जेएसके रेंज शिव कुमार शर्मा और एसएसपी जम्मू जोगिंदर सिंह समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। समारोह में सेना, सीआरपीएफ, प्रशासनिक अधिकारी, जोनल एसपी, सभी एसडीपीओ और ग्रामीण जोन के एसएचओ भी शामिल हुए।

    बीएनएस के तहत पहली बार संपत्ति कुर्की, पीड़ितों को मिला न्याय

    इस केस में नई आपराधिक संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत जम्मू कश्मीर पुलिस ने पहली बार किसी मामले में संपत्ति कुर्क कर पीड़ितों को राशि लौटाई है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी द्वारा जमा की गई ठगी की राशि से छन्नी बीजा (बाहू फोर्ट) में आठ मरला ज़मीन पर बना डुप्लेक्स मकान खरीदा गया था।

    इस संपत्ति को अदालत के आदेश पर 18 जनवरी 2025 को कुर्क किया गया था। कोर्ट में प्रस्तुत सबूतों के आधार पर कमलजीत कौर (संपत्ति विक्रेता) ने स्वीकार किया कि उन्हें आरोपी से 1.53 करोड़ नकद और आनलाइन माध्यमों से प्राप्त हुए थे। उन्होंने यह राशि पीड़ितों को लौटाने की सहमति दी और 75 लाख पहली किश्त में और अब 78 लाख दूसरी किश्त में लौटाए गए, जिसे आज 22 पीड़ितों में चेक के माध्यम से वितरित किया गया।

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    डीजीपी ने एसएचओ नगरोटा कि प्रशंसा कर पुरस्कार देने की कि घोषणा

    डीजीपी ने पीड़ितों को उनकी धनराशि लौटने के लिए मेहनत करने वाले एसएचओ नगरोटा परवेज सज्जाद की प्रशंसा की। उन्होंने परवेज को गले लगा कर उन्हें पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मामले ने यह प्रमाणित किया है कि अब अपराधियों की संपत्ति कुर्क कर पीड़ितों को राशि लौटाना संभव है।