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Jammu Kashmir: कटड़ा रेलवे स्टेशन के आसपास हुए अतिक्रमण पर रिपोर्ट तलब

बेंच ने कहा कि इंस्टीट्यूट मान्यता प्राप्त है इस पर कोई सवाल नहीं है लेकिन क्या वास्तव में याची ने परीक्षा में हिस्सा लिया या इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया क्योंकि केस में याची की ओर से दायर प्रमाण पत्र पर सवाल उठाए गए है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 10:25 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 10:25 AM (IST)
यह भी बताया गया कि कृषि भूमि पर अवैध निर्माण के क्षेत्र में 71 मामले है।

जम्मू, जेएनएफ: हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने कटड़ा रेलवे स्टेशन के आसपास हुए अतिक्रमण पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। बेंच ने कहा है कि रिपोर्ट में बताया जाए कि अतिक्रमण हटाने के लिए जो प्रक्रिया शुरू की गई थी, उन्हें लेकर जम्मू-कश्मीर स्पेशल ट्रिब्यूनल में कितने केस दर्ज है और ट्रिब्यूनल संभवता कितने समय में इनका निपटारा करेगा।

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बेंच ने सरकार को कृषि भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी भी रिपोर्ट में देने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया कि पिछली रिपोर्ट में बताया गया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर शुरू हुई कार्रवाई के विरोध में कई लोग ट्रिब्यूनल में गए है और मामले ट्रिब्यूनल में विचाराधीन है। इसके अलावा यह भी बताया गया कि कृषि भूमि पर अवैध निर्माण के क्षेत्र में 71 मामले है। लिहाजा इस सभी मामलों पर सरकार अगली सुनवाई के दौरान विस्तृत रिपोर्ट पेश करें।

निचली अदालत का फैसला खारिज: हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की अपील को स्वीकार कर लिया है। निचली अदालत ने याची को तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त करने का निर्देश दिया था। निचली अदालत ने याची के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि अगर याची रिक्त पद के लिए जरूरी सभी अन्य योग्यताओं को पूरा करता है तो उसे नियुक्त किया जाए। बोर्ड ने निचली अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया। डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि याची को किसान इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी आरएसपुरा जम्मू की ओर से एक कोर्स पूरा करने पर प्रमाण पत्र जारी किया गया। बेंच ने कहा कि इंस्टीट्यूट मान्यता प्राप्त है, इस पर कोई सवाल नहीं है लेकिन क्या वास्तव में याची ने परीक्षा में हिस्सा लिया या इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया क्योंकि केस में याची की ओर से दायर प्रमाण पत्र पर सवाल उठाए गए है। ऐसे में इस मामले की जांच हुए बिना किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा।

अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने हाईकोर्ट व निचली अदालतों में स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए समय-समय पर दिए गए निर्देशों का पालन करने की दिशा में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट तलब की है। बेंच ने विधि विभाग के सचिव को चार सप्ताह के भीतर यह अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के 27 मई 2019 के निर्देश पर प्रशासनिक परिषद ने भी कुछ अहम फैसले लिए थे लेकिन इन फैसलों पर भी अमल नहीं किया गया, लिहाजा विधि विभाग के सचिव विस्तृत रिपोर्ट पेश करके स्थिति स्पष्ट करें।

पीएसए खारिज: हाईकोर्ट ने कथित अपराधी प्रभाकर सिंह पर लगे पब्लिक सेफ्टी एक्ट को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पीएसए खारिज करते हुए कहा कि मात्र पुलिस केस के आधार पर संबंधित अधिकारी पीएसए नहीं लगा सकता, ऐसा करते समय उसे अपने विवेक व कानून का पालन करते हुए निर्णय लेना होता है लेकिन इस मामले में संबंधित अधिकारी ने ऐसा न करके कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है। लिहाजा यह पूरी तरह से गलत है और अगर आरोपित किसी अन्य केस में वांछित नहीं तो उसे तत्काल रिहा किया जाए।


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