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    जम्मू में चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटर सावधान! नगर निगम का फरमान, 'एनओसी नहीं तो सीलिंग, जुर्माना'

    By ANCHAL SINGHEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 11:51 AM (IST)

    जम्मू में डायग्नोस्टिक सेंटर अब नगर निगम के रडार पर हैं। बिना एनओसी वाले सेंटरों को सील करने और जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया गया है। नगर निगम के इ ...और पढ़ें

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    जम्मू नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू शहर में चल रहे सभी नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर को जम्मू नगर निगम से नो अब्जेक्शन सर्टिफिकेट(एनओसी) लेना होगा। एनओसी नहीं होने पर एेसे सेंटरों को सीलिंग अथवा जुर्माना की कार्रवाई से गुजरना पड़ सकता है। निगम ने सभी नर्सिंग होम व डायग्नोस्टिक सेंटरों को नोटिस भेजना शुरू किए गए हैं। नव वर्ष में इन पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

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    नगर निगम अधीनस्थ शहर के सभी 75 वार्डों में चले रहे ऐसे सेंटरों व नर्सिंग होम को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसकी शुरूआत जम्मू गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल के आसपास जानी बख्शी नगर से की गई है।

    यहां करीब 30 डायग्नोस्टिक सेंटरों व नर्सिंग होम को नोटिस जारी किए गए हैं जबकि शहर के अन्य क्षेत्रों में चल रहे सेंटरों को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

    अगले कुछ दिनों में इन सभी को नोटिस मिल जाएंगे। नोटिस के एक महीने में एनओसी लेने के लिए कहा गया है। इसके बाद निगम कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा जिसके तहत जुर्माना, सीलिंग आदि की जा सकती है।

    शहर में 500 सेंटर

    जम्मू शहर में 500 से ज्यादा नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर व इनके कोलेक्शन प्वाइंट हैं। इनमें से बहुत से पहले ही पंजीकृत हैं और उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के तहत अपने दस्तावेज भी बना रखे हैं। बहुतों के पास एनओसी भी है। ऐसे नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर वालों को नगर निगम में पहले से जारी एनओसी व अन्य दस्तावेजों की तस्दीक करवानी होगी। जिनके पास एनओसी नहीं है, उन्हें एनओसी लेनी होगी। इन डायग्नोस्टिक सेंटर में क्या होता है।

    किए जाते हैं विभिन्न टेस्ट

    डायग्नोस्टिक सेंटर में बीमारियों का पता लगाने के लिए शरीर की विभिन्न जांचें की जाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य डाक्टर को बीमारी की सटीक पहचान करने में मदद करना है। डायग्नोस्टिक सेंटर में मुख्य रूप से निम्नलिखित सेवाएं होती हैं :

    • पैथोलॉजी लैब : यहाँ खून, पेशाब और मल के नमूने लेकर उनकी जांच की जाती है। उदाहरण: हीमोग्लोबिन, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और थायराइड टेस्ट।
    • रेडियोलॉजी : शरीर के अंदरूनी हिस्सों की तस्वीरें लेने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाता है। इसमें एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई शामिल हैं।
    • कार्डियोलॉजी टेस्ट : दिल की सेहत जांचने के लिए ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) या टीएमटी जैसे टेस्ट किए जाते हैं।
    • विशेष जांचें: कुछ केंद्रों में बायोप्सी या एलर्जी टेस्ट जैसी जटिल जांचें भी की जाती हैं।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    ‘बख्शी नगर व आसपास के इलाकों में चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटरों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। शेष शहर में चल रहे सेंटरों व नर्सिंग होम वालों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं। सभी के लिए एनओसी अनिवार्य  है। लिहाजा एक महीने का समय देते हुए सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वे एनओसी लें। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। नए साल से कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।’ -संजय बडयाल, उपायुक्त, जम्मू नगर निगम