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    जम्मू शहर में 214 करोड़ रुपये की लागत से तैयार बस टर्मिनल की दुर्दशा, एस्केलेटर व सीसीटीवी बंद और सीलिंग भी टूटी

    By Dinesh Mahajan Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 01:12 PM (IST)

    जम्मू शहर में 214 करोड़ रुपये की लागत से बने बस टर्मिनल की हालत खस्ता हो गई है। एस्केलेटर और सीसीटीवी कैमरे बंद हैं, और सीलिंग भी टूट गई है। इस वजह से ...और पढ़ें

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    प्रशासन से इसकी मरम्मत की उम्मीद है ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके।

    दिनेश महाजन, जम्मू। जम्मू शहर के बीचोबीच करोड़ों रुपये की लागत से बना मल्टी लेवल बस टर्मिनल आज स्वयं अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता नजर आता है। 214 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस आधुनिक बस टर्मिनल का उद्घाटन वर्ष 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया था।

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    उद्देश्य था कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू किया जाए और यात्रियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं  मिलें। लेकिन कुछ वर्ष में ही यह टर्मिनल सुविधाओं के अभाव, बदहाल रखरखाव और प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बन चुका है।

    यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए गए बिजली से चलने वाले एस्केलेटर लंबे समय से बंद पड़े हैं। सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी शोपीस बनकर रह गए हैं। आग से निपटने के लिए लगाए गए फायर हाइड्रेंट धूल फांक रहे हैं, जबकि इमारत के सौंदर्यीकरण के लिए लगाई गई फाल्स सिलिंग जगह-जगह से टूट चुकी है। हैरानी की बात यह है कि इतनी महंगी इमारत की देखरेख के लिए जिम्मेदार विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

    हालांकि जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इस मल्टी लेवल बस टर्मिनल की देखरेख के लिए एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (एक्सईएन) और उनके अधीन कई कर्मचारियों को तैनात किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सुविधाएं ठप हैं और इमारत दिन-ब-दिन जर्जर होती जा रही है।

    सुविधाओं की बदहाली पर सवाल

    214 करोड़ रुपये की लागत से बने मल्टी लेवल बस टर्मिनल में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं देने का दावा किया गया था। एस्केलेटर, सीसीटीवी कैमरे, फायर हाइड्रेंट और बेहतर इंटीरियर इसी कड़ी का हिस्सा थे। लेकिन आज हालात यह हैं कि एस्केलेटर बंद पड़े हैं, सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे और फायर हाइड्रेंट धूल में दबे हुए हैं।

    फाल्स सिलिंग टूट चुकी है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जबकि जेडीए ने देखरेख के लिए एक्सईएन और स्टाफ तैनात किया हुआ है, फिर भी रखरखाव न के बराबर है। इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी अपनी भूमिका क्यों नहीं निभा रहे।

    बस टर्मिनल की बदहाली का एक और गंभीर पहलू यह है कि खाली पड़ा यह परिसर अब शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है। खुले में पड़ी शराब की बोतलें टर्मिनल की असली कहानी खुद बयां कर रही हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसी इमारत में बस स्टैंड पुलिस थाना भी स्थापित है, इसके बावजूद असामाजिक गतिविधियों पर कोई प्रभावी रोक नहीं लग पा रही।

    शराबियों का अड्डा बनता टर्मिनल

    खाली पड़े मल्टी लेवल बस टर्मिनल में यात्रियों की चहल-पहल के बजाय शराबियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। टर्मिनल परिसर में खुले में पड़ी शराब की बोतलें इस बात की गवाही देती हैं कि यहां नियमित रूप से शराबखोरी होती है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब इसी इमारत में बस स्टैंड पुलिस थाना भी मौजूद है।

    इसके बावजूद न तो निगरानी बढ़ाई जा रही है और न ही असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से बना यह टर्मिनल यदि इसी तरह उपेक्षित रहा, तो इसका उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाएगा।

    बसें बीसी रोड पर, टर्मिनल खाली क्यों?

    मल्टी लेवल बस टर्मिनल के निर्माण के समय यह तय किया गया था कि सभी स्थानीय और इंटर-स्टेट बसें यात्रियों को यहीं उतारें और यहीं से लेकर जाएं। लेकिन यातायात विभाग, ट्रांसपोर्टरों, पुलिस, जम्मू नगर निगम और जेडीए की कथित मिलीभगत के कारण ऐसा हो नहीं पाया। बसें टर्मिनल के भीतर आने की बजाय बीसी रोड पर ही यात्रियों को उतारती और बैठाती हैं, जबकि कोर्ट और प्रशासन बीसी रोड को ‘नो पार्किंग’ घोषित कर चुके हैं।

    नतीजा यह है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया यह आधुनिक बस टर्मिनल बसों और यात्रियों का इंतजार करता रह जाता है। टर्मिनल में कुल 169 दुकानें हैं, जिनमें से 61 दुकानें पुराने बस स्टैंड के दुकानदारों को अलॉट की गई थीं। लेकिन यात्रियों की आवाजाही न होने के कारण महज 10 दुकानें ही खुली नजर आती हैं। शेष दुकानदार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह मल्टी लेवल बस टर्मिनल शहर की सबसे बड़ी योजनागत विफलताओं में गिना जाएगा।