जम्मू-कश्मीर में युवाओं को सरकारी नौकरियों का इंतजार, उमर सरकार से थी उम्मीदें; अब बढ़ रहा बेरोजगारी का ग्राफ
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नई सरकार के बनने के लगभग चार महीने हो चुके हैं लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए पद निकालने की प्रक्रिया बहुत धीमी है। युवा बेसब्री से पदों के निकलने का इंतजार कर रहे हैं। चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का वायदा किया गया था लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया ढीली ही चल रही है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेकां की नई सरकार का गठन हुए करीब चार महीने होने का समय हो गया है। लेकिन अभी तक सरकारी नौकरियों के लिए पद नहीं निकालने की प्रक्रिया बहुत धीमी है। मात्र शिक्षा विभाग में लेक्चरर के 575 पद ही निकाले गए हैं। युवा बेसब्री के साथ पदों के निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस व कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का वायदा किया था और एक लाख पद भरने की बात कही थी मगर अभी तक यह प्रक्रिया ढीली ही चल रही है।
जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद जब दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर व लद्दाख बनाए गए तो उपराज्यपाल के शासन के समय में करीब चार साल में सरकारी नौकरियों 35 हजार से अधिक पदों को भरा गया जिसमें आठ हजार से अधिक चतुर्थ श्रेणी के पद भी शामिल थे। इससे युवाओं को काफी राहत महसूस हुई।
चुनाव प्रचार के समय 60 हजार पद खाली
कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के समय में यह कहा था कि साठ हजार पद खाली हैं जिन्हें जल्द भरे जाने की जरूरत है। हालांकि पूर्व उपराज्यपाल शासन के समय में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया गया।
विभिन्न विभागों में रिक्त पदों का पता लगाकर आगे भर्ती एजेंसियों जम्मू-कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड व जम्मू कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन को भेजने की प्रक्रिया की थी। जम्मू कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे प्रमुख मुद्दा बेरोजगारी का ही था जिसे नेकां, कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य पार्टियों ने उठाया था।
जम्मू कश्मीर में छह लाख से अधिक पढ़े लिखे बेरोजगार युवा है जो नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं इनमें पीएचडी, पीजी, इंजीनियरिंग प्रोफेशनल, पैरामेडिकल, ग्रेजुएट आदि शामिल हैं। युवा चाहते हैं कि जल्द सरकारी नौकरियों के लिए पद निकाले जाएं।
सरकार उठाएगी सख्त कदम
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रधान अरुण प्रताप सिंह का कहना है कि पढ़े लिखे बेरोजगार युवा नौकरी की तलाश में है। सरकार को जल्द ही सभी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व किए गए वायदों को सरकार को पूरा करना चाहिए। बेरोजगार युवा हताश है। प्रोफेशनल भी खाली बैठे हुए हैं। सरकार बने चार महीने का समय बीत गया है। यह प्रक्रिया जल्द शुरु होनी चाहिए।
एनएसयूआई के प्रदेश प्रधान अजय लखोत्रा का कहना है कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोले जाने चाहिए। बेरोजगारी एक मुख्य मुद्दा बन गया है। नई सरकार से युवाओं को काफी उम्मीदें है।
सरकार को सभी विभागों में रिक्त पदों को पता लगाने के लिए कमेटी बनानी चाहिए जो भर्ती एजेंसियों को पद रेफर करें। हालांकि सरकार ने शिक्षा विभाग में लेक्चर के पद निकाले हैं लेकिन इस प्रक्रिया में तेजी लाए जाने की जरूरत है।
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