जम्मू-कश्मीर: दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने का अभियान, आतंकियों को मार गिराने को घने कोहरे में बैठें हैं सुरक्षाकर्मी
जम्मू संभाग में सुरक्षा बल घने कोहरे के बीच घुसपैठ की ताक में बैठे आतंकियों को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं। सेना, बीएसएफ और पुलिस मिलकर सीमांत क्षेत ...और पढ़ें
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जम्मू सीमा पर सुरक्षा घेरा मजबूत, घने कोहरे में आतंकियों की घुसपैठ रोकने की तैयारी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। घने कोहरे में घुसपैठ की ताक में बैठे आतंकियों को सीमा पर मार गिराने के लिए सुरक्षाकर्मी घात लगाकर बैठें हैं। खामोशी से कोहरे में छिपे सेना, सीमा सुरक्षाबल के जवान इस समय कड़ी सर्तकता से दुश्मन के आने का इंतजार कर रहे हैं।
जनवरी महीने में सीमांत क्षेत्रों में कोहरा और भी घना हो जाएगा। ऐसे में कड़ी ठंड के मौसम में जम्मू संभाग में बेहतर समन्वय बनाकर दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने का अभियान जोरों पर है।
सेना की पश्चिमी कमान के जवानों ने जम्मू संभाग के कठुआ व साथ लगते पठानकोट के सीमांत क्षेत्र में घने कोहरे में अपने तलाशी अभियान को रविवार भी जारी रखा। इन इलाकों में सीमा सुरक्षा बल की जम्मू फ्रंटियर भी पंजाब पुलिस व जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ पिछले कई दिनों से लगातार तलाशी अभियान जारी रखे हुए है।
नए साल के आगमन पर जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कश्मीर के पर्यटक स्थलों के साथ श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धाओं की भीड़ में बढ़ रही है। ऐसे हालात में इस समय आतंकवादियों पर दवाब की रणनीति बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण स्थानों व राजमार्गों पर सुरक्षा चौकसी बढ़ाई गई है। रविवार को भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाए।
सीमा पार आतंकवादियों के कोहरे की आड़ में घुसपैठ करने की साजिशें रचने की सूचनाएं मिल रही हैं। ऐसे में घुसपैठ के मौके तलाश रहे आतंकियों को नाकाम करने के लिए त्रि स्तरीय रणनीति के तहत सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा ग्रिड मजबूत किया गया है। सेना, सीमा सुरक्षा बल व पुलिस सीमा, अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा स्तर बढ़ाने में सीमांत वासियों की भी मदद ले रही।
वहीं, घने कोहरे वाले इलाकों में सैनिकों के अनुभव के साथ उन्नत नाइट विजन सिस्टम, ड्रोन निगरानी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिमुलेशन के साथ निगरानी के स्तर को बढ़ाया गया है। सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि इस समय उच्चतम स्तर की सर्तकता बरती जा रही है।
विशेष नाके लगाने के साथ सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती से सीमा के हर चप्पे को खंगाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीमा के हर संवेदनीश हिस्से की चुनौतियों का आकलन कर उनसे निपटने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। सीमा पार की कोई भी हरकत सीमा प्रहरियों की नजर में है।
वहीं, सीमा से सटे इलाकों की सुरक्षा के लिए विलेज डिफेंस ग्रुप भी सशक्त किए गए हैं। वे इस समय सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीसरी मजबूत कड़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल आगे रहते है। वहीं सेना उनके पीछे रहकर सीमा की सुरक्षा को और मजबूती देते हैं।
नियंत्रण रेखा की सुरक्षा में सेना आगे रहती है। जारी वर्ष में विलेज डिफेंस ग्रुप के सदस्यों को थ्री नाट थ्री राइफल की जगह स्वचलित सेल्फ लोडिंग राइफल दी गई थी। इस समय सेना, सीमा सुरक्षा बल व जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा वीडीजी के सदस्यों को आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण देकर उन्हें सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के दक्ष बनाया जा रहा है।

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