पीएससी भर्ती विवाद पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा: निर्दोष अभ्यार्थी का इंटरव्यू आयोजित करें
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने जेकेपीएससी की याचिका खारिज करते हुए कैट के आदेश को बरकरार रखा। आदेश में संयुक्त सेवाएं परीक्षा-2023 के उम्मीदवार का साक्षात्कार कराने का निर्देश दिया गया था जिसे अंतिम समय में मेरिट सूची में बदलाव के कारण इंटरव्यू से वंचित कर दिया गया था। उम्मीदवार को पूरी तरह दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि आयोग ने संशोधित सूची केवल वेबसाइट पर डाली अखबारों में नहीं।

जेएनएफ, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन (जेकेपीएससी) की याचिका खारिज करते हुए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें आयोग को संयुक्त सेवाएं परीक्षा-2023 के एक उम्मीदवार का साक्षात्कार कराने का निर्देश दिया गया था। यह उम्मीदवार अंतिम समय में मेरिट सूची संशोधित होने के कारण अपना इंटरव्यू नहीं दे पाई थी।
जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने आदेश में कहा कि देवेनी सूरी के इंटरव्यू में शामिल न हो पाने के लिए पूरी तरह से उसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने पाया कि आयोग ने 13 अयोग्य उम्मीदवारों को सूची से हटाने के बाद, अगली मेरिट वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया, जिसमें सूरी का नाम भी था।
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हद तो यह है कि यह संशोधित सूची केवल आयोग की वेबसाइट पर डाली गई और अखबारों में प्रकाशित नहीं हुई। अदालत ने कहा अगर यह सूचना व्यापक प्रसार वाले दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित की जाती, तो संभावना थी कि यह जानकारी अभ्यर्थियों तक पहुंच जाती। चूंकि सूरी का नाम मूल सूची में नहीं था, इसलिए उनके पास वेबसाइट दोबारा जांचने का कोई कारण नहीं था।
खंडपीठ ने कैट के इस फैसले का समर्थन किया कि इस तरह के अंतिम क्षणों में किए गए बदलाव से योग्य उम्मीदवार महत्वपूर्ण सूचनाएं मिस कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने पीएससी को निर्देश दिया कि वह अपने 16 अक्तूबर 2024 के नोटिस के अनुसार सूरी का इंटरव्यू आयोजित करे।
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