Earthquake in Jammu-Kashmir: 24 घंटे में दूसरी बार कांपी जम्मू-कश्मीर की धरती, अबकी इतनी रही भूकंप की तीव्रता
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शनिवार देर शाम को रिक्टर स्केल पर 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले शुक्रवार रात को भी बारामूला में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था। दो दिन में दूसरी बार आए भूकंप से लोगों में दहशत है।

जागरण संवाददाता, किश्तवाड़। Earthquake in Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार के बाद शनिवार देर शाम को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस बार भूकंप की तीव्रता 3.4 आंकी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप शनिवार शाम करीब 7 बजकर 34 मिनट पर आया जिससे किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूंकप का केंद्र किश्तवाड़ में 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
शुक्रवार को भी आया था भूकंप
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार की रात को भी धरती डोलती नजर आई थी। उस दौरान रिक्टर पैमान पर यह तीव्रता 4.1 मापी गई थी। शुक्रवार रात को करीब 9 बजकर 6 मिनट पर जम्मू-कश्मीर के बारामूला में भूकंप के झटके महसूस हुए थे। दो दिन में दूसरी बार आए इस भूकंप ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूकंप के झटके महूसस किए जा चुके हैं।
18 दिसंबर को लद्दाख में महसूस हुए भूकंप के झटके
इससे पहले 18 दिसंबर को केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान करीब 4 बजकर 23 मिनट पर लेह और लद्दाख की धरती कांपी थी। भूकंप की तीव्रता 3.2 आंकी गई थी। जबकि केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल की हानि के नुकसान की खबर नहीं थी।
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भूकंप के दौरान क्या करें
जैसे ही आपको भूकंप महसूस हो तभी कोशिश करें कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्द किसी सेफ जगह पर पहुंचने की कोशिश करें। इस बात का बिलकुल ध्यान रखें कि भूकंप किती भी तीव्रता के साथ आ सकता है।
इसकी पू र्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। इसके बाद आराम से खुद को संभालते हुए धीरे-धीरे कदमों की हलचल करें और किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का प्रयत्न करें।
अगर मलबे में दबे हों तब क्या करें
- माचिस की तीली न जलाएं
- धूल न उड़ाएं अथवा हिले नहीं
- अपने मुंह को किसी रुमाल या फिर कपड़े से ढकें
- किसी पाइप अथवा दीवार को थपथपाएं ताकि बचाने वाले आपको ढूंढ सकें
- यदि उपलब्ध हो तो सीटी का उपयोग करें
- अगर और कोई उपाय न हो तो तेजी से चिल्लाएं
- हालांकि, चिल्लाने से आपके मुंह में सांस के द्वारा खतरनाक धूल अंदर जा सकती है
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