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    'काश! जब मैं पहली बार सांसद बना तब...', उमर अब्दुल्ला ने शेयर किए अनुभव, राज्य के दर्जे के लिए जताया बीजेपी पर भरोसा

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 08:34 PM (IST)

    Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जल्द ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी रहेगा और उन्हें विश्वास है कि केंद्र में भाजपानीत सरकार जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के अपने वादे को पूरा करेगी। उमर अब्दुल्ला ने अपने बीते अनुभव भी शेयर किए।

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    Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (जागरण फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। Jammu Kashmir News: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को जल्द ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे की प्राप्ति की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी रहेगा और मुझे यकीन है कि केंद्र में भाजपानीत सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के अपने वादे को पूरा करेगी।

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    आज यहां जम्मू-कश्मीर प्रदेश के विधायकों के लिए आयोजित तीन दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा और राज्य विधानसभा के नियमों और सीमाओं के बीच अंतर को समझने की जरूरत है।

    उन्होंने नए विधायकों से राज्य का दर्जा बहाल होने तक केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में अपनी भूमिका के अनुकूल ढलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधायकों को केंद्र शासित प्रदेश के नियमों और व्यवस्था को ध्यान में रखकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है।

    'हमें राज्य का दर्जा जल्द मिलेगा'

    मुख्यमंत्री ने विधायकों से केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में काम करने की अनूठी चुनौतियों के अनुकूल ढलने के महत्व पर जोर देते हुए कि हमें उम्मीद करनी चाहिए कि हमें राज्य का दर्जा जल्द मिलेगा। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से वादा किया है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि वह अपना वादा पूरा करेगी।

    उन्होंने अभिविन्यास कार्यक्रम के आयोजन के लिए स्पीकर अब्दुल रहीम राथर की प्रशंसा की और नए और अनुभवी विधायकों दोनों के लिए इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं विधायक और सांसद के रूप में छह बार चुना गया हूं। तीन बार संसद और तीन बार विधानसभा के लिए। लेकिन यह पहली बार है जब मैं इस तरह के अभिविन्यास कार्यक्रम में भाग ले रहा हूं।

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    मुख्यमंत्री ने साझा किए अनुभव

    उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जब मैं सांसद बना तो शुरुआत के कुछ वर्ष सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों, अधिकारों व शक्तियों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं था।

    जब मैं पहली बार सांसद बना था, अगर इसी तरह का कोई कार्यक्रम तब आयोजित किया गया होता तो मैं बेहतर तरीके से तैयार होता। आज भी मैं पूरे विश्वास के साथ यह नहीं बता सकता कि निजी विधेयक कैसे पेश किया जाए या नियम 377 के तहत कोई मुद्दा कैसे उठाया जाए, जबकि मैंने वहां कई साल बिताए हैं।

    केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में कामकाज के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि यहां तक कि अब्दुल रहीम राथर साहब (स्पीकर) जैसे सम्मानित वरिष्ठ सदस्य, जो सात बार चुने गए हैं, उन्हें भी पहली बार इसका सामना करना पड़ रहा है। पहले यह एक राज्य विधानसभा थी।

    अब पहली बार हम जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के लिए चुने गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश का कामकाज अलग है, इसके नियम अलग हैं और उन्हें समझने और प्रभावी ढंग से उनका उपयोग करने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने विधायकों से इस ज्ञान अंतर को पाटने के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम का उपयोग करने का आग्रह किया।

    मुख्यमंत्री ने विधानसभा में शिष्टाचार बनाए रखने की भी उम्मीद जताई, लेकिन व्यवधानों की अपरिहार्यता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मैं कह सकता हूं कि हमें व्यवधानों से बचना चाहिए, संसदीय कार्रवाई में हंगामा नहीं करना चाहिए, और शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए, लेकिन वास्तविकता यह है कि कई बार हंगामा हो सकता है, व्यवधान हो सकता है। आज हम जो शांति देख रहे हैं, वह शायद पहली और आखिरी बार है, जब हम ऐसा अनुभव कर रहे हैं।

    सीएम ने अटल बिहार वाजपेयी और जवाहर लाल का किया जिक्र

    उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी जैसे सांसदों से प्रेरणा लेने पर जोर देते हुए कसंसदीय कार्यवाही में उनके अनुकरणीय आचरण उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज भी जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने कभी सदन को बाधित नहीं किया और न सभापति का अपमान किया।

    अब्दुल्ला ने विधायकों से केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में अपनी भूमिकाओं के अनुकूल होने, लोगों की सेवा करने और नए ढांचे की सीमाओं के भीतर भी उनके मुद्दों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।

    उन्होंने कहा कि जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, हम लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे और इस विधानसभा में उनकी चिंताओं को दूर करेंगे।

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