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    Article 370 पर असेंबली में नहीं होगी चर्चा, खारिज हुआ लोन का प्रस्ताव; BJP ने पाकिस्तान प्रेम का लगाया आरोप

    Updated: Wed, 05 Mar 2025 10:04 AM (IST)

    जम्मू कश्मीर की विधानसभा (Jammu Kashmir Assembly) में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन (Sajjad Gani Lone) ने आर्टिकल 370 (Article 370) पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने खारिज कर दिया। अब विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर चर्चा नहीं होगी। नाराज होकर लोन सदन से वॉकआउट कर गए। भाजपा ने भी लोन की उनकी आलोचना की।

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    अनुच्छेद 370 पर विधानसभा में नहीं होगी चर्चा

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा (Jammu Kashmir Assembly) में अब अनुच्छेद 370 (Article 370) पर चर्चा नहीं होगी। विधानसभा स्पीकर ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन द्वारा अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को लेकर लाए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस पर उनकी स्पीकर से बहस हुई और फिर वह नाराज होकर सदन से वॉकआउट कर गए। इस पर भाजपा ने उनकी आलोचना की।

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    बता दें कि सज्जाद लोन मंगलवार को विधानसभा में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण, पुलिस सत्यापन और जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में बंद बंदियों को वापस प्रदेश की जेलों में लाने और 1987 के विधानसभा चुनाव की धांधलियों की जांच से संबंध में संशोधन प्रस्ताव लाए थे।

    स्पीकर ने इसलिए खारिज किया प्रस्ताव

    उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि सज्जाद लोन के संशोधन प्रस्ताव को नियमों के आधार पर खारिज किया जा रहा है। अनुच्छेद 370 पर प्रस्तावों को यह कहकर अनुमति देने से इन्कार किया कि नियमों के मुताबिक अगर कोई प्रस्ताव छह माह पहले लाया गया है तो उस पर इस सदन में चर्चा नहीं हो सकती।

    छह माह का समय बीतने के बाद ही ऐसा कोई प्रस्ताव लाया जा सकता है। वहीं, 1987 के चुनावों का मुद्दा अतीत की बात है और इस पर बहस करने के लिए हाल ही घटना होनी चाहिए। पीएसए और पुलिस सत्यापन गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं और जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, तब तक यह विधानसभा उन पर विचार-विमर्श नहीं कर सकती है।

    (विधानसभा से वॉकआउट करते सज्जाद गनी लोन)

    सज्जाद लोन ने दिया ये तर्क

    इस पर सज्जाद लोन ने तर्क दिया कि सदन में जो प्रस्ताव पारित किया गया था, उसमें केवल विशेष दर्जे का उल्लेख था, उसमें अनुच्छेद 370 का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था। विशेष दर्जे का मतलब केंद्र शासित प्रदेश भी हो सकता है और राज्य भी। उन्होंने कहा कि नेकां ने अपने चुनाव घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली की बात की है।

    उन्होंने कहा कि यहां नौकरी और पासपोर्ट से इसलिए लोगों को वंचित किया जाता है कि उनका कोई रिश्तेदार कभी आतंकी हिंसा में शामिल या अलगाववादी रहा है। मुझे खुद पासपोर्ट के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि 1987 अतीत की बात कैसे हो सकती है, हम आज तक इसका खमियाजा भुगत रहे हैं।

    लोन का पाकिस्तान प्रेम जाग उठा: भाजपा

    भाजपा विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने सज्जाद लोन की आलोचना करते हुए कहा कि उनका पाकिस्तान प्रेम फिर जाग उठा है, इसलिए वह अनुच्छेद 370 पर बहस पर जोर दे रहे थे। इस पर अब बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। संसद के फैसले को पलटने का अधिकार किसी भी प्रदेश की विधानसभा के पास नहीं है।

    उन्होंने कहा कि हम उनके (लोन) पाकिस्तान प्रेम को समझ सकते हैं, उनकी ससुराल वहीं पर है। उल्लेखनीय है कि लोन ने गुलाम जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद में शादी की है। उनके ससुर का नाम अमानुल्लाह खान है। उनका निधन हो चुका है और वह जेकेएलएफ के संस्थापकों में एक रहे हैं।

    सदन से बाहर यह बोले लोन

    संशोधन प्रस्ताव अस्वीकार किए जाने से नाराज होकर लोन सदन से वॉकआउट कर गए। बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले यह अनुच्छेद 370 की बहाली की बात करते थे, पासपोर्ट का मुद्दा उठाते थे, पीएसए को समाप्त करने की बात करते थे, अब यह सब भूल गए हैं। अब कहते हैं कि यह इनके अधिकार में नहीं है, यह तो अब भाजपा के एजेंडे पर चलते नजर आते हैं।

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