Farooq Abdullah: 'अगर जम्मू-कश्मीर में हालात सही है, तो चुनाव कराएं', केंद्र पर फारूक अब्दुल्ला का कटाक्ष
Farooq Abdullah फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के केंद्र के दावे सही हैं तो को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्द ही कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर राज्य में चुनाव हो रहे हैं जम्मू-कश्मीर में क्यों चुनाव नहीं हो रहे हैं।

श्रीनगर, पीटीआई। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को एक बार फिर से केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के केंद्र के दावे सही हैं तो को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्द ही कराना चाहिए।
बुधवार को फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से पूछा कि भारत सरकार कह रही है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है। सीमांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अगर चुनाव हर जगह होते हैं तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं? अगर देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराए जा रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे।
यह भी पढ़ें Jammu Kashmir News: जम्मू के तवी नदी से युवक का शव बरामद, छह दिन से चल रहा था सर्च ऑपरेशन
राज्य का दर्जा बहाल करने के नाम पर केंद्र कर रही गुमराह
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर लोगों के साथ नौटंकी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के दर्जे को बहाल करने के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "वे (केंद्र) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करना चाहते हैं। यह सब हमें और दुनिया को गुमराह करने की नौटंकी है। वे जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल नहीं करेंगे।"
एलजी बन गए हैं मास्टर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र ने उपराज्यपाल को 'हर चीज का मास्टर' बना दिया है। उन्होंने कहा, "यहां एलजी को क्यों लगाया गया है और वह हर चीज के मास्टर बन गए हैं।" फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराए जाएं और एक सरकार का गठन किया जाए।
हिंदु राष्ट्र पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
बुधवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को 'हिंदू राष्ट्र' के रूप में स्थापित नहीं किया गया था। ये अनेकता में एकता का देश है, न कि हिंदू राष्ट्र, जैसा कि कुछ दक्षिणपंथी समूहों द्वारा मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा, “मैं (हिंदू) राष्ट्र आदि नहीं जानता। मैं जानता हूं कि यह राष्ट्र अनेकता में एकता के सिद्धांत पर बना है। तमिलनाडु को देखें उनकी संस्कृति, मौसम आदि को देखें और फिर कश्मीर से तुलना करें। हम बिल्कुल अलग हैं। असम और महाराष्ट्र को देखिए। वह क्या था जिसने हमें एकजुट किया? यह राष्ट्र को एक साथ आगे ले जाने और लोगों की कठिनाइयों को दूर करने की इच्छा थी। हम विभिन्नताओं के चलते अलग हैं, लेकिन एक साथ रहने की अपनी भावना के चलते एक हैं।"
अतिक्रमण-विरोधी अभियान जन विरोधी
विध्वंस अभियान को रोकने के बारे में एक सवाल के जवाब में नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष ने कहा कि यह विध्वंस अभियान बहुत ही गलत कदम था। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भगवान जाने उनकी नीति क्या है! सबसे पहले उन्होंने गरीबों के घर तोड़े। जब ये घर बने तो उन्होंने उन्हें क्यों नहीं रोका? लोगों ने बैंकों से कर्ज लिया और सब कुछ हो जाने के बाद उन्हें (घरों को) तोड़ दिया गया। यह कैसे हुआ? किसी चीज को तोड़ना आसान है, लेकिन किसी चीज को बनाना कठिन है। सरकार का ये कदम गलत है।
चीन के साथ रिश्तों पर फारूक ने कही ये बात
चीन के साथ संबंधों पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जाहिर तौर पर इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि बीजिंग के साथ व्यापार चल रहा है। उन्होंने कहा, "भारत के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं। मैंने कोई अप्रिय बात नहीं सुनी। व्यापार आज भी सुचारू रूप से चल रहा है।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।