Jammu News: कोट भलवाल जेल में ऐसे की जा रही थी हेरोइन की तस्करी, तरीका जानकर पुलिस वालों के भी उड़ गए होश
जम्मू की कोट भलवाल जेल अति संवेदनशील जेल मानी जाती है। वहीं इस जेल में नशा तस्करी का मामला सामने आया है। दरअसल जेल में बंद कैदी से मुलाकात करने के लिए दो साथी आते हैं और इतने शातिर तरीके से हेरोइन की तस्करी को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। हालांकि पुलिस को इसकी भनक लग गई और दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
जागरण संवाददाता, जम्मू। अति संवेदनशील कोट भलवाल जेल में बंद कैदी से भेंट करने आए उसके दो साथियों से मादक पदार्थ हेरोइन बरामद हुआ। आरोपित अपने साथ मुलाकात के दौरान जेल में बंद कैदी के लिए एक नई कमीज लेकर आए थे। कमीज की जांच के दौरान उसकी दोनों बाजू के कफ (जहां बटन लगे होते हैं) के अंदर से मादक पदार्थ हेरोइन बरामद हुआ।
कैदी के लिए मादक पदार्थ लेकर पहुंचे दो लोग मोहम्मद परवेज निवासी पलमा राजौरी और अकरम खान निवासी बिश्नाह के खिलाफ घरोटा पुलिस थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है कि वे मादक पदार्थ को कहां से लेकर आए थे।
कमीज के बाजू में छिपाया था मादक पदार्थ
बीते शनिवार दोपहर को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़े गए सादिक अली निवासी विश्नाह से भेंट करने के लिए दो लोग आए थे। वे अपने साथ कैदी के लिए कुछ सामान लेकर आए थे। जेल पुलिस और वहां तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने सामान को जब लगेज स्केनिंग मशीन के अंदर डाला तो सामान के साथ लाई गई कमीज कि दोनों बाजू के कफ (जहां बटन लगे होते हैं) के अंदर मादक पदार्थ हेरोइन को छोटी कपड़े में डाल कर रखा गया था। जेल प्रशासन ने इस बारे की जानकारी घरोटा पुलिस को दी।
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NDPS और प्रिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज
घरोटा पुलिस अपने साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम लेकर पहुंची। जिसने कमीज के अंदर से बरामद पाउडर की जांच की तो प्राथमिक जांच में वह नशीला पाउडर होने की बात सामने आई। जेल में बंद कैदी से भेंट करने आए दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया उनके विरुद्ध एनडीपीएस और प्रिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
जेल में इससे पहले भी हो चुकी तस्करी की कोशिशें
जेल में इससे पूर्व भी कई बार मादक पदार्थ और मोबाइल फोन भेजने के प्रयास हो चुके हैं। कोट भलवाल जेल में कई कुख्यात आतंकी और मादक पदार्थ तस्कर बंद है। जिन तक मोबाइल फोन या नशीले पदार्थ पहुंचने के प्रयास पहले भी कई बार हो चुके हैं, लेकिन जेल के भीतर इस प्रकार की वस्तुओं को रोकने के लिए प्रशासन ने वहां पुख्ता बंदोबस्त किए हुए हैं, जिसके चलते कई बार ऐसी प्रतिबंधित वस्तुएं कैदियों से पहुंचने से पूर्व ही पकड़ी जाती है। इसके अलावा जेल के अंदर कास्को या रबड़ की गेंद में मादक पदार्थ या मोबाइल फोन भेजने के मामले भी आए दिन सामने आते रहते हैं।