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    रंग लाई 20 साल की मेहनत, वैष्णो देवी पर्वत पर बनी टनल से गुजरी मालगाड़ी; कश्मीर के लिए यहीं से जाएंगी ट्रेनें

    Delhi to Kashmir Train Project कटड़ा-रियासी रेल खंड पर इंजन के साथ ही मटेरियल ट्रेन का सफल ट्रायल हुआ। इस महत्वपूर्ण रेलखंड के टी-1 यानी टनल नंबर 33 के पास विशेषज्ञों इंजीनियरों और रेलवे कर्मियों ने खुशी जताई। 20 वर्षों की मेहनत के बाद यह टनल बनकर तैयार हुई है। उम्मीद है कि जनवरी माह में कटड़ा से श्रीनगर तक ट्रेन चल सकती है।

    By Rakesh Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 25 Dec 2024 08:45 PM (IST)
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    कटड़ा-रियासी रेल खंड पर ट्रायल के दौरान महत्वपूर्ण टी -1यानी टनल नंबर 33 के पास दौड़ता रेल का इंजन

    संवाद सहयोगी,कटड़ा। कटड़ा-श्रीनगर रेल परियोजना के महत्वपूर्ण कटड़ा-रियासी रेल खंड की जांच लगातार जारी है। बीते मंगलवार को जहां कटड़ा-रियासी रेल खंड पर रेलवे विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक पावर वेगन चलाई गई जिसके तहत कटड़ा-रियासी रेल खंड पर पटरी के साथ ही ओवरहेड विद्युत उपकरणों की जांच की गई। वहीं बुधवार को सुबह रेलवे विभाग द्वारा कटड़ा-रियासी रेल खंड पर रेल का इंजन चलाया गया और पटरी की जांच की गई।

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    34 डिब्बों की ट्रेन कटड़ा से हुई रवाना

    इसके बाद बाद दोपहर करीब तीन बजे श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा से भारी भरकम 34 डिब्बे की मटेरियल ट्रेन रवाना की गई। मटेरियल ट्रेन के इन सभी डिब्बो में बजरी भरी हुई थी। इस भारी-भरकम मटेरियल ट्रेन को श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा से रवाना किया गया और यह ट्रेन कटड़ा-रियासी रेल खंड की जांच करती हुई रियासी पहुंची।

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    वहीं, जानकारी के मुताबिक मटेरियल ट्रेन 3 से 4 दिन के उपरांत रियासी से कटड़ा की ओर वापस आएगी। इसी दौरान कटड़ा-रियासी रेल पटरी का निरीक्षण किया गया कि कहीं कोई खराबी या कमी तो नहीं रह गई।

    बुधवार दोपहर मटेरियल ट्रेन जैसे ही महत्वपूर्ण रेलखंड के टी-1 यानी टनल नंबर 33 के पास से होकर गुजरी। वहां मौजूद विशेषज्ञों के साथ इंजीनियर तथा रेलवे कर्मी खुशी से झूम उठे, क्योंकि आखिरकार उनकी 20 वर्षों की मेहनत रंग लाई।

    टनल नंबर 30 को बनाने में लगे 20 साल

    बता दें कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक में सबसे कठिन कटड़ा क्षेत्र में टी-1 यानी टनल नंबर 33 था। जिसे बनाने में 20 वर्ष लग गए। इस महत्वपूर्ण टनल को पूरा करने को लेकर विशेषज्ञों के साथ ही इंजीनियरों यहां तक की रेल कर्मियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा करना पड़ा था।

    इसका कारण यह है क्योंकि यह महत्वपूर्ण टनल मां वैष्णो देवी के त्रिकुटा  पर्वत के चरणों से निकल रही है और टनल के भीतर ही मां वैष्णो देवी के चरणों का पानी बह रहा है। इस पानी को अत्याधुनिक तकनीक से टनल के दोनों और मोड़ दिया गया है उसके उपरांत टनल को पूरा किया गया।

    संगलदान से कटड़ा तक रेल लिंक नहीं हुआ शुरू

    हालांकि, जम्मू से कटड़ा तक दूसरी और सगंलदान से श्रीनगर तक रेल परिचालन लगातार चल रहा है परंतु टी -1 यानी की टनल नंबर 33 की वजह से ही संगलदान से कटड़ा तक रेल लिंक अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

    हालांकि, रेलवे विभाग द्वारा महत्वपूर्ण टनल बंनाने के साथी सभी तरह के कार्य पूरे करने कर लिए हैं और प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो नव वर्ष पर यानी जनवरी माह में कटड़ा से श्रीनगर तक ट्रेन चल सकती है जिसका फिलहाल पर्यटक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

    वहीं कटड़ा रियासी रेल खंड का जायजा लेने आगामी 5 जनवरी को रेल सुरक्षा आयुक्त एक बार फिर आ रहे हैं उसके उपरांत ही इस महत्वपूर्ण रेलखंड को हरी झंडी मिलने की संभावना है।

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