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    बाबा बर्फानी के दर्शन को हो जाएं तैयार! जम्मू से दो जुलाई को रवाना होगा पहला जत्था

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 01:08 PM (IST)

    अमरनाथ यात्रा 2 जुलाई से शुरू होगी पहला जत्था जम्मू से रवाना होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भगवती नगर आधार शिविर से जत्थे को रवाना करेंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए जत्थे में ही रवाना किया जाएगा। जम्मू संभाग में 50 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। इस बार यात्रा वंदे भारत से नहीं होगी। लखनपुर से बनिहाल तक भोजन और आवास की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

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    उपराज्यपाल दो जुलाई को झंडी दिखा करेंगे अमरनाथ के लिए पहला जत्था रवाना (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। यश्री बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था दो जुलाई को रवाना होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भगवती नगर स्थित आधार शिविर से जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस बार सभी यात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से जत्थे से ही रवाना किया जाएगा।

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    प्रशासन ने निजी वाहनों में आने वालों को भी जत्थे के साथ ही रवाना होने की अपील की है। वहीं यात्रियों के ठहरने के लिए जम्मू संभाग में 106 आवास केंद्रों पर पचास हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा वंदे भारत ट्रेन से नहीं होगी।

    50 हजार से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था

    शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार ने कहा कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले जम्मू स्थित भगवती नगर बेस कैंप से कश्मीर के लिए रवाना होगा।

    जम्मू क्षेत्र के लखनपुर से बनिहाल तक विभिन्न आवास केंद्रों पर 50000 से अधिक लोगों के लिए भोजन और ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए कुल 106 आवास केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था पुलिस शाखाओं के अलावा कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रामबन के जिला प्रशासनों ने की है।

    उन्होंने कहा कि कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रामबन जिलों में तीर्थयात्रियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से सामुदायिक रसोई स्थापित की गई हैं।

    इन जिलों के सभी आवास केंद्रों पर शौचालय की व्यवस्था सहित स्वच्छता सुविधाएं भी की गई हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठनों के सहयोग से तीर्थयात्रियों को ठहराने के लिए जम्मू शहर में भोजन और ठहरने के केंद्र बनाए गए हैं।

    3 जुलाई से कश्मीर से शुरू होगी यात्रा

    कुमार ने कहा कि यात्रा 2 जुलाई को जम्मू से शुरू होगी। यात्रा औपचारिक रूप से 3 जुलाई को कश्मीर से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि नियमित पंजीकरण काउंटरों के अलावा, तत्काल पंजीकरण की सुविधा भी होगी जो माता वैष्णो देवी मंदिर में उपलब्ध होगी। यह पंजीकरण दैनिक कोटा के आधार पर किया जाएगा।

    इसके लिए पांच पंजीकरण केंद्र हैं। जिन तीर्थयात्रियों ने अपना पंजीकरण पूरा कर लिया है उन्हें यात्रा के लिए आरएफआईडी कार्ड जारी किए जाएंगे। ये आरएफआईडी कार्ड लखनपुर प्रवेश द्वार, सांबा, जम्मू, चंद्रकोट और बनिहाल केंद्रों से प्राप्त किए जा सकते हैं।

    यात्रा काफिले में सभी तीर्थयात्रियों को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि जिनके पास अपने वाहन हैं और जो यात्रा से जुड़े हैं, वे भी सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद काफिले के साथ चलेंगे। कुमार ने कहा कि जो लोग निजी वाहनों से यात्रा करना चाहते हैं, वे भी सुरक्षा घेरे में कश्मीर जाएंगे। एक परामर्श जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि बाहर से आने वाले व्यक्तिगत तीर्थयात्रियों को भी काफिले के साथ आगे बढ़ना होगा।

    उन्होंने बताया कि सभी यात्री जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप में चेकइन करेंगे जहां से वे सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा में रोजाना काफिले में रवाना होंगे। मंडलायुक्त ने बताया कि इस बार अमरनाथ यात्रा में ट्रेन से यात्रा नहीं होगी।

    यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम या राजमार्ग बंद होने की स्थिति में यात्रियों को वास्तविक समय में सूचना देने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में विभिन्न अन्य यात्राओंए खासकर पुंछ में बूढ़ा अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए भी व्यवस्थाएं की गई हैं।

    डॉक्टरों ने पहुंचना शुरू किया

    यात्रा में डयूटी देने के लिए डाक्टरों ने कश्मीर में पहुंचना शुरू कर दिया है। जम्मू से रवाना हुए 15 डाक्टरों सहित 51 स्वास्थ्य कर्मी शुक्रवार को कश्मीर में पहुंच गए। इन डॉक्टरों को यात्रा के दोनोे मागों पर तैनात किया गया है। बालटाल और पहलगाम मार्ग पर बने बेस अस्पतालों से लेकर भवन तक बने केंद्रों में तैनात किया गया है। वहीं देश के विभिन्न अस्पतालों से भी कश्मीर में स्वास्थ्य कर्मी आने लगे हैं।