जम्मू में भारी बारिश में बाढ़ की चेतावनी, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा नदी-नालों का जलस्तर, सड़क-रेल संपर्क भी टूटे
जम्मू संभाग में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिससे निचले इलाकों में जलभराव की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी है। कठुआ में उज्झ नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। लगातार बारिश से सड़क मार्ग भी प्रभावित हुए।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जम्मू संभाग में बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी जिला स्तर पर अलर्ट जारी करते हुए लोगों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन जारी करते हुए नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है। प्रदेश की सभी प्रमुख दरिया और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने आने वाले घंटों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि बारिश की वजह से निचले इलाकों में और जलभराव की आशंका बढ़ गई है।
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खतरे के ऊपर से बह रहा नदी-नालों में पानी
माधोपुर बैराज से पानी का स्तर 1,00,000 क्यूसेक के स्तर को पार कर गया है। यह लगातार बढ़ रहा है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश की वजह से रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। प्रभावित गांवों में बागथली, मासोस पुर, कीरियां गंडियाल, बरनी, धन्ना, धनोर, करयाली और आसपास के इलाके शामिल हैं। निवासियों को हाई अलर्ट पर रहने और एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है।
वहीं जिला कठुआ में उज्झ नदी का जलस्तर खतरे के निशान से रूप से बढ़ रहा है। प्रशासन के अनुसार यह नदी दो निगरानी बिंदुओं पर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पंजतीर्थी में इसका इस समय जलस्तर 88,000 क्यूसेक के खतरे के स्तर के मुकाबले 78,750 क्यूसेक तक पहुंच गया है जबकि कठुआ में इसका जलस्तर 95,099 क्यूसेक के खतरे के स्तर के मुकाबले 83,834 क्यूसेक तक है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो पंजतीर्थी में 1.35 लाख क्यूसेक और कठुआ में 1.44 लाख क्यूसेक का जलस्तर पार करने पर निकासी के उपाय शुरू किए जाएंगे।
अचानक बाढ़ आने का बना खतरा
इसी तरह बसंतर नदी खतरे के निशान को पार कर गई। सांबा जिले में बसंतर नदी मंगलवार सुबह 9 बजे 4.5 फीट के खतरे के निशान को पार कर गई है। इसमें लगातार वृद्धि होने की खबर है। अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार कर रखा है।
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इसके अलावा भी कई सहायक नदियों में भी एक साथ वृद्धि की जानकारी मिली है। पता चलता है कि कठुआ जिले में तराना नदी, उज्झ नदी, मग्गर खड्ड, सहार खड्ड, रावी नदी और उनकी सहायक नदियों का जल स्तर एक साथ बढ़ रहा है। इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इन नदियों व खड्ड के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है। बड़े इलाकों में अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
सड़क व अन्य संपर्क मार्ग प्रभावित
यही नहीं जम्मू व कश्मीर के अधिकांश पहाड़ी व दूरदराज इलाकों में सड़क और संपर्क मार्ग प्रभावित हैं। अचानक आई बाढ़ ने त्राथ नाले के पास पैडर रोड का एक हिस्सा बहा दिया, जिससे क्षेत्र का सतही संपर्क टूट गया। इस बीच, लगातार बारिश और भूस्खलन के खतरे के कारण सिंथन टॉप और मार्गन टॉप को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।
तवी नदी के लिए गंभीर चेतावनी
उधमपुर में, तवी नदी सुबह लगभग 9:15 बजे 24.975 फीट पर निकासी स्तर को पार कर गई, जो खतरे और निकासी दोनों के निशान को पार कर गई। हालाँकि, जम्मू शहर में, तवी अभी भी चेतावनी स्तर से नीचे बह रही थी, हालांकि अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि आने वाले घंटों में जल स्तर बाढ़ की चेतावनी और खतरे की सीमा को पार कर सकता है।
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रेलवे सेवाएं प्रभावित
भारी बारिश के कारण, रेल परिचालन भी बाधित हुआ है। अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर पीटीकेसी-केएनडीआई के बीच पुल संख्या 232 पर डाउन-लाइन सेवाएं निलंबित कर दी हैं। अप-लाइन चालू रहने के बावजूद, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई ट्रेनों को या तो सिंगल ट्रैक पर चलाया जा रहा है या पीटीके-एएसआर मार्ग से उनका मार्ग परिवर्तित किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बाढ़-प्रवण और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से घरों के अंदर रहने, नदी के किनारों के पास जाने से बचने और आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखने का आग्रह किया है क्योंकि दिन भर बारिश जारी रहने की संभावना है। जम्मू, कठुआ, सांबा और आसपास के जिलों में आपदा प्रतिक्रिया टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
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