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    'कहां गया उनका दावा', फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद पर केंद्र सरकार को घेरा; दिल्ली चुनाव पर भी दिया बयान

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 09:51 AM (IST)

    जम्मू- कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कुलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism in Jammu Kashmir) खत्म होने के दावों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो उनसे पूछें कि उनका दावा कहां गया। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी बयान दिया।

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    फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के दावे पर उठाया सवाल (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने के केंद्र सरकार के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि अगर आतंकवाद खत्म हो गया है तो कुलगाम आतंकी हमले जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली चुनाव में जीत का दावा करने वालों की भी आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि फैसला देश के लोगों का है।

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    कुलगाम आतंकी हमले पर दी प्रतिक्रिया

    जीएमसी जम्मू में कैंसर पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कुलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए आतंकवाद को खत्म करने के सरकार के दावे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उन लोगों से पूछिए जो दावा करते हैं कि आतंकवाद समाप्त हो गया है।

    उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो उनसे पूछें कि उनका दावा कहां गया। वे रोज संसद में, संसद के बाहर, पहाड़ों पर और हर जगह बयान देते हैं कि आतंकवाद खत्म हो गया है। अगर आतंकवाद खत्म हो गया है तो इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए।

    दिल्ली चुनाव पर भी कही ये बात

    अब्दुल्ला ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर पूछे सवालों के जवाब भी दिए। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव और भाजपा की जीत के दावों के संबंध में अब्दुल्ला ने कहा कि सभी बुधवार को होने वाले चुनाव का इंतजार करें।

    उन्होंने कहा कि भाजपा तो कहती थी कि वे जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आएंगे। इस तरह या उस तरह, त्रिशंकु विधानसभा जम्मू-कश्मीर में होगी। आज उनके दावे कहां चले गए। ऐसा लगता है कि अब उन्हें चुप करा दिया गया है। फैसला इस देश के लोगों ने किया है, फारूक अब्दुल्ला या सकीना इट्टू ने नहीं।

    '...लेकिन मैं एक आम आदमी हूं'

    दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे आईएनडीआईए सहयोगियों के अलग-अलग चुनाव लड़ने से भाजपा को फायदा होने की संभावना के बारे में अब्दुल्ला ने गठबंधन पर इसके प्रभाव के बारे में अटकलों को खारिज करते हुए कहा अगर मैं भगवान या अंतर्यामी होता तो मैं इसकी भविष्यवाणी कर सकता था लेकिन मैं एक साधारण आदमी हूं।

    फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे क्या मालूम कौन आएगा और कौन नहीं आएगा। मुझे यह भी नहीं पता था कि हम यहां जम्मू-कश्मीर में आएंगे या नहीं। अब्दुल्ला ने इंडिया ब्लाक पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह भगवान के आशीर्वाद से प्रगति कर रहा है और विरोध के बावजूद आगे बढ़ता रहेगा।

    यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन सहयोगियों को एकजुट करने की पहल करेंगे, अब्दुल्ला ने अपनी भूमिका को कमतर करते हुए कहा मुझमें वह क्षमता नहीं है और मैं वह व्यक्ति नहीं हूं। हम सभी जानते हैं कि हम सब मिलकर इस देश के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं। विभाजित होकर हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते।

    राज्य का दर्जा बहाल करने की बात दोहराई

    जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर अब्दुल्ला ने अपना रुख दोहराया और उम्मीद जताई कि इसे बहाल किया जाएगा। ईश्वर ने चाहा तो इसे बहाल कर दिया जाएगा। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है लेकिन ये जरूर होगा। अगर मैं दिव्यदर्शी होता तो मैं कहता कि यह अभी होगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं।

    प्रेस की क्षमता पर भी उठाया सवाल

    ईवीएम के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिंताओं का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने मीडिया की स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित किया और केंद्र सरकार की आलोचना करने की प्रेस की क्षमता पर सवाल उठाया।

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    कोविड-19 वैक्सीन के बारे में व्यक्त किया संदेह

    कोविड-19 वैक्सीन के समान कैंसर वैक्सीन की संभावना के संबंध में, अब्दुल्ला ने कोविड-19 वैक्सीन के बारे में संदेह व्यक्त किया। उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 वैक्सीन बिना किसी परीक्षण के दी गई। आज हम इसके परिणाम देख रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि कई युवा लोग दिल के दौरे और अन्य समस्याओं से मर रहे हैं और कहा जा रहा है कि इसके लिए टीका जिम्मेदार है। जब तक यह स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं हो जाता कि यह जिम्मेदार है या नहीं हम कुछ नहीं कह सकते।

    अब्दुल्ला ने गहन शोध की आवश्यकता पर बल देते हुए कैंसर के टीके के विकास की पुरजोर वकालत की। यदि आप कैंसर के लिए कोई टीका विकसित करना चाहते हैं तो अनुसंधान किया जाना चाहिए। कौन कहता है कि टीका विकसित नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन इसमें जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए जैसे कि कोविड टीकों में की गई थी।

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