बर्फीली वादियां, नदी पर ट्रैकिंग और स्कीइंग का रोमांच, 'चांद की दुनिया' का दीदार करने के लिए आएं बैग बांध लद्दाख
शून्य से 30 डिग्री कम तापमान के बावजूद लद्दाख सर्दियों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। यहां जमी हुई जंस्कार नदी पर ट्रैकिंग, स्कीइंग, आइ ...और पढ़ें
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लद्दाख में चांद की दुनिया का दीदार। फोटो जागरण
विवेक सिंह, जम्मू। शून्य से 30 डिग्री कम की हाड़ जमा देने वाली ठंड और बर्फीली हवाओं के बीच चांद की दुनिया का करीब से दीदार करना चाहते हैं तो बैग बांध लद्दाख के लिए उड़ान भर लें।
बर्फीले रेगिस्तान के नाम से मशहूर लद्दाख में एक ओर बर्फ से ढकी खूबसूरत बर्फीली वादियां आपका बाहें फैलाएं स्वागत करेंगी, वहीं जमी हुई जंस्कार नदी पर ट्रैकिंग के रोमांच का अवसर पा सकते हैं। इसके साथ स्कीइंग और माउंटेन क्लाइंबिंग जैसी साहसिक गतिविधियां शुरू की गई हैं।
बता दें कि लद्दाख सर्दियों में पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है। पूर्व में महीनों तक यह खूबसूरत प्रदेश बर्फ के कारण देश से कट जाता था और तमाम गतिविधियां ठप हो जाती थीं। कुछ वर्षों में आधारभूत ढांचे में तेज विकास से उत्साहित लद्दाख प्रशासन सर्दियों प्रयास कर रहा है कि इन वादियों में जीवन का संगीत निरंतर गूंजता रहे।
इसी लक्ष्य के साथ साहसिक और शीतकालीन खेलों के बहाने सर्दियों में पर्यटकों को लुभाने की तैयारी शुरू की गई है। बर्फीली चोटियों तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए पहली बार हेलीकाप्टर सेवा आरंभ की गई हैं। पर्यटक सर्दियों में लेह से कारगिल, पदम, लिंगशेद, नेरक, दिसकित व तुरतुक तक दूरदराज इलाकों में जा सकते हैं। इन दूरदराज क्षेत्रों में 200 से अधिक होम स्टे पंजीकृत किए गए हैं।

जम गई जंस्कार नदी
सर्दियों में जंस्कार नदी जम जाती है और रोमांच उड़ान भरने लगता है। पूर्व में जब रास्ते बंद हो जाते थे तब स्थानीय लोग लेह से जंस्कार घाटी जाने के लिए इसी बर्फीले ट्रैक का इस्तेमाल करते थे। परी लोक सी इस दुनिया में बर्फीली चोटियों के बीच ट्रैकिंग का रोमांच आपको अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा। पर यहां आने से पूर्व पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य है। जनवरी माह में आयोजित होने वाली इस ट्रैकिंग के लिए नई दिल्ली व अन्य प्रदेशों में भी कुछ टूर कंपनियां पैकेज तय करती हैं।

पैंगांग पर दौड़ती है दुनिया
पर्यावरण के प्रति सचेत करने के लिए फरवरी माह में सेना के सहयोग से जम चुकी पैंगोंग नदी पर मैराथन का आयोजन किया जाता है। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है। यह अपनी तरह का खास अनुभव है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास इस दौड़ का रोमांच आपकों प्रफुल्लित करेगा।
खेल भरेंगे रोमांच
खेल गतिविधियों के बहाने कड़ाके की ठंड में भी लद्दाख में पर्यटन की उम्मीदों को उड़ान दी जाएगी। आइस हाकी प्रतियोगिताएं चल रही हैं। सात जनवरी को एलजी कप आइस हाकी प्रतियोगिता होगी। इसके बाद 20 जनवरी से लेह में छठे खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों से जोश चरम पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा कारगिल में स्कीइंग मुकाबलों का आयोजन किया जा रहा है।

हनले में डार्क स्काई सेंचुरी
हनले में वैधशाला के साथ यहां डार्क स्काई सेंचुरी बनाई जा रही है। देश- विदेश के अंतरिक्ष विज्ञानी यहां शोध के लिए पहुंचते हैं। रात का आसमान बिल्कुल साफ होता है और वहां से सितारों की दुनिया का दीदार और सुगम हो जाता हे।
आइस हाकी को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देकर देश, विदेश के पर्यटकों को लाने की तैयारी हो रही है। वह दिन दूर नही है जब लद्दाख में अंतरराष्ट्रीय आइस हाकी प्रतियोगिताएं होंगी। लेह में कृत्रिम आइस हाकी रिंक से पूरा साल आइस हाकी प्रतियोगिताएं संभव होंगी। भारतीय आइस हाकी टीम पूरा साल लेह में तैयारी कर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाएगी।
- टुंडुप नामग्याल, संयुक्त सचिव, लद्दाख आइस हाकी संगठन
सर्दियों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ठोस व दूरदर्शी कदम उठा रहा है। क्षेत्र में पर्यटन ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आइस हाकी, आइस स्केटिंग और स्कीइंग जैसे शीतकालीन खेलों के साथ साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बड़ी संख्या में नए होम-स्टे पंजीकृत किए जा चुके हैं। दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को पर्यटकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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