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    जम्मू-कश्मीर में हर परिवार के लिए होगा विशिष्ट पहचान पत्र होगा, क्या है फैमिली ID का महत्व?

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 07:46 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में जल्द ही हर परिवार को एक विशिष्ट पहचान पत्र मिलेगा। इसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाना है। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने इस पहल की शुरुआत की। फैमिली आईडी से लोगों को योजनाओं की सही जानकारी मिलेगी और प्रशासन अधिक जवाबदेह बनेगा। यह आईडी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद करेगी। डेटा के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और आयुष्मान भारत योजना का उपयोग किया जाएगा।

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    प्रस्तुति के लिए प्रयोग की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जल्द ही हर परिवार के लिए अलग से विशिष्ट पहचान पत्र होगा। इस का उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी को सुव्यवस्थित करना, लाभार्थियों तक पहुंच बढ़ाना और सरकारी विभागों में योजना और निगरानी के लिए इसे सत्यापन के तौर पर इस्तेमाल कार्य करना है।

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    मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने शनिवार को इस पहल की आधारशिला रखने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।सिविल सचिवालय में आयोजित बैठक में प्रमुख सचिव वित्त के अतिरिक्त कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

    मुख्य सचिव ने फैमिली आईडी के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इन फैमिली आईडी के बनने से जनता के बीच हमारी लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के बारे में सही जानकारी मिलेगी। साथ ही यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक पात्र नागरिक को उनके हक का लाभ मिले। यह अधिक जवाबदेह और उत्तरदायी प्रशासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    योजना, विकास और निगरानी विभाग के सचिव तलत परवेज ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इसकी पृष्ठभूमि पर विस्तार से चर्चा की और जम्मू-कश्मीर में इस तरह की एकीकृत प्रणाली की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लोगों के लिए इसके संभावित लाभों का विवरण दिया और एक मजबूत कार्यान्वयन योजना की रूपरेखा तैयार की।

    सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. पीयूष सिंगला ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने में अपने विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आईटी विभाग के भीतर उपलब्ध पर्याप्त संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञता पर जानकारी दी। उन्होंने बैठक को आश्वस्त किया कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में इस दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा मौजूद है।

    चर्चा के दौरान संबोधित की गई एक प्रमुख चुनौती यह थी कि कई सरकारी विभागों द्वारा लाभ वितरित करने के लिए नागरिकों से बार-बार एक ही दस्तावेजीकरण और सत्यापन प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। यह दोहराव न केवल जनता पर अनावश्यक बोझ डालता है बल्कि सरकारी संसाधनों पर भी दबाव डालता है। फैमिली आईडी सूचना का एकमात्र आधिकारिक स्रोत बनकर इस समस्या का समाधान करने के लिए तैयार है।

    इसके अलावा बैठक में नागरिकों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में आने वाली मौजूदा कठिनाइयों और प्रासंगिक कार्यक्रमों के साथ जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचने में प्रशासन की चुनौतियों को स्वीकार किया गया। फैमिली आईडी पहल इस लंबे समय से चली आ रही पहेली का एक निश्चित समाधान बनने के लिए तैयार है जो यह सुनिश्चित करती है कि सेवाएं उन लोगों तक निर्बाध और कुशलतापूर्वक पहुंचाई जाएं जिन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

    पारिवारिक पहचान पत्रों के लिए डेटा के प्राथमिक स्रोतों के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के डेटासेट का विशेष उल्लेख किया गया।

    पारिवारिक पहचान पत्रों में आवश्यक परिवर्तन या विलोपन करने के लिए भविष्य के प्रावधानों पर भी गहन चर्चा की गई। जम्मू-कश्मीर में इस महत्वपूर्ण मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए एक समर्पित तकनीकी टीम से सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।