जम्मू बाहुफोर्ट, बावे माता मंदिर तक चलनी चाहिए ई-बसें, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
जम्मू के निवासियों ने बावे माता मंदिर बाहुफोर्ट तक ई-बसों को चलाने की मांग की है खासकर अमरनाथ यात्रा के दौरान। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्तमान में ई-बसें बलिदान स्तंभ चौक तक ही चलती हैं जिससे यात्रियों को बावे माता मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ता है जो महंगा है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बावे माता मंदिर, बाहुफोर्ट तक ई-बसों को चलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। स्थानीय निवासियों ने कम से कम श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान दस बसों को बावे माता मंदिर, महामाया और बाला जी मंदिर तक चलाने की मांग की है।
स्थानीय लोग काफी समय से बाहुुफोर्ट मंदिर तक ई-बस सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल बलिदान स्तंभ चौक तक ही ई-बस आती है। ई-बस से उतरने के बाद अधिकतर यात्रियों को आटो लेकर ही बावे माता मंदिर तक पहुंचना पड़ता है जो काफी महंगा साबित होता है। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिलता। लोग चाहते हैं कि जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड अपनी ई-बसों को बावे माता मंदिर से होते हुए नरवाल राजीव नगर चौक रूट पर चलाए। इससे जहां स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी तो वहीं आटो चालकों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा।
इतना ही नहीं ई-बस सेवा शुरू होने से जम्मू शहर में घूमने आने वाले यात्रियों को भी बावे माता मंदिर, बाग-ए-बाहु, महामाया मंदिर घूमने के साथ गंडोला की सैर का आनंद उठाने का भी मौका मिल सकेगा और जम्मू के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं बाहुफोर्ट में यात्रियों के आराम, ठहरने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने की भी मांग की जा रही है।
क्या कहते हैं लोग
‘बाहुफोर्ट जम्मू का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है। जहां सबसे पहले ई-बसें चलनी चाहिए। बाहुफोर्ट के नाम पर जो ई-बसें आ रही हैं, उनसे यात्री दरबदर हो रहे हैं क्योंकि उन्हें बलिदान स्तंभ के पास उतार दिया जाता है। फिर वे पैदल या फिर आटो में बैठने को मजबूर हो जाते हैं। यात्रियों के लिए सुविधाएं भी बढ़नी चाहिए।’ -राजीव चाढ़क, प्रधान, बाहुफोर्ट डेवलपमेंट कमेटी
‘बावे माता मंदिर में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अगर ई-बसें यहां तक चलने लगेंगी तो यह संख्या और बढ़ जाएगी। कामकाज बढ़ेगा तो स्थानीय लोगों का जीवन-स्तर पर भी ठीक होगा। बाहुफोर्ट के विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सिर्फ दावों से बात नहीं बनेगी।’ -राघव गुप्ता, महासचिव, बाहुफोर्ट डेवलपमेंट कमेटी
‘बावे माता मंदिर ही तो जम्मू शहर की शान है। यहां भी अगर श्रद्धालुओं को पहुंचाने को तरजीह नहीं दी जाएगी तो फिर क्या ही प्रयास होंगे। बिना देरी ई-बसों को बाहुफोर्ट स्टैंड तक चलाने के आदेश जारी होने चाहिए। इस समय श्री अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है। यात्री यहां आना चाहते हैं। ई-बसों को चलाया जाना चाहिए।’ -प्रीतम शर्मा, वरिष्ठ समाज सेवक
‘ई-बसों को बाहुफोर्ट तक चलाया जाना चाहिए। कोशिश की जाए कि अमरनाथ यात्रा के दौरान ई-बस सेवा शुरू हो जो यात्रियों को बावे माता, महामाया और श्री बाला जी मंदिर के दर्शन करवाएं। स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। यहां पहले ही मिनी बस चालक, आटो चालकों से लोग परेशान हैं। मनमानी बहुत है।’ -अंजू देवी, निवासी बाहुफोर्ट
‘बावे माता मंदिर परिसर से होते हुए बसें नरवाल बाईपास मार्ग से महामाया मंदिर, बाला जी मंदिर को शुरू होनी चाहिए। इससे जम्मू घूमने आने वाले यात्रियों को इन धार्मिक स्थलों के दर्शन भी सरलता से हो पाएंगे। कोई फालतू खर्च नहीं होगा। स्थानीय लोग भी लाभान्वित होंगे। ई-बसें चलने से बाहुफोर्ट क्षेत्र में व्यापार बढ़ेगा।’ -दीक्षा कौल, निवासी बाहुफोर्ट
क्या कहते हैं अधिकारी
‘बाहुफोर्ट का रास्ता संकरा है। छोटी ई-बसें खरीदी जा रही हैं। कुछेक महीनों में जम्मू स्मार्ट सिटी को ये बसें मिल जाएंगी। फिर इन ई-बसों को बाहुफोर्ट, महामाया मार्ग पर चलाया जाएगा। फिलहाल बलिदान स्तंभ तक ई-बसें चलाई जा रही हैं। स्वच्छ जम्मू, स्वस्थ जम्मू बनाने के लिए लोगों का सहयोग अनिवार्य है।’ -डा. देवांश यादव, निगम आयुक्त एवं सीईओ जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड
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