जम्मू-कश्मीर में जमकर हो रही बर्फबारी के कारण शून्य के नीचे पहुंचा तापमान, कई इलाकों में हो रही है बारिश
कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार दूसरे दिन बर्फबारी हुई जिसके कारण गुरुवार को पूरी घाटी में रात का तापमान शून्य से भी नीचे चला गया। सोनमर्ग गुलम ...और पढ़ें

श्रीनगर, पीटीआई। कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार दूसरे दिन बर्फबारी हुई, जिसके कारण गुरुवार को पूरी घाटी में रात का तापमान शून्य से भी नीचे चला गया। अधिकारियों ने बताया कि सोनमर्ग, गुलमर्ग, पहलगाम और कश्मीर के अन्य कई ऊंचाई वाले इलाकों में पिछेले 24 घंटे से लगातार बर्फबारी जारी है। कश्मीर के मैदानी इलाकों में कई जगहों पर रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है। घाटी में कड़ाके की ठंड, बर्फबारी और लगातार हो रही बारिश के कारण तापमान शून्य से भी काफी नीचे चला गया है।
राजमार्गों पर यातायात बंद
घाटी में लगातार हो रही बर्फबारी का आसर यातायात पर भी पड़ रहा है। घाटी को जम्मू से जोड़ने वाली वैकल्पिक सड़क मुगल रोड और श्रीनगर-लेह राजमार्गों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी यातायात के लिए खुला है। वहीं, कम विजिबिलिटी होने के कारण श्रीनगर हवाईअड्डे से विमानों के उड़ान भी प्रभावित हुई है। विजिबिलिटी में सुधार होने के बाद कई विमान दोपहर में उड़ान भरी।
शून्य से नीचे पहुंचा पारा
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, गांदरबल और बारामूला के पहाड़ी इलाकों में गुरुवार शाम हो को भी हल्की से मध्यम की बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि शुक्रवार को कई जगहों पर हल्की बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है। हालांकि, 18 जनवरी तक मौसम शुष्क बना रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में बुधवार की रात न्यूनतम तापमान शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि अनंतनाग जिले के पर्यटक स्थल पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
कश्मीर में चिल्लई कलां की शुरुआत
कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई कलां’ की चपेट में है। इस दौरान घाटी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। चिल्लई कलां की शुरुआत 21 दिसंबर होती है और यह 30 जनवरी तक चलता है। मालूम हो कि चिल्लई कलां एक फारसी शब्द है, जिसका मतलब भीषण सर्दी है। कश्मीर में तीन महीनों तक सर्दी का मौसम रहता है। जिसे तीन भागों में बांटा गया है। पहला है चिल्लई कलां, दूसरा चिल्लई खुर्द और तीसरा है चिल्लई बच्चा। चिल्लई कलां के 40 दिन में काफी तेज ठंड पड़ती है और पारा शून्य से काफी नीचे चला जाता है। इसके बाद चिल्लई खुर्द (छोटी सर्दी) जो 20 दिन की होती है 31 जनवरी से 19 फरवरी तक चलती है। और इसके बाद आता है चिल्लई बच्चा जो दस दिन तक चलता है और यह 20 फरवरी से 2 मार्च के बीच तक चलता है।

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