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    Jammu Kashmir News: रामबन में बाढ़ भी नहीं रोक पाई शादी, बारात लेकर 7 किमी पैदल निकल गया दूल्हा

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 11:57 AM (IST)

    जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir Disaster) के रामबन (Ramban Disaster) में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH44) बंद हो ग ...और पढ़ें

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    जम्मू-कश्मीर में शादी करने के लिए दूल्हे को 7 किमी तक पैदल चलना पड़ा। सांकेतिक तस्वीक

    एएनआई, रामबन (जम्मू)। Ramban Disaster: भारी बारिश के कारण जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir Disaster) के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ और तबाही के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH44) बंद हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को पैदल ही अपनी यात्रा पूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों के चलने की कोई संभावना नहीं है।

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    ऐसे में एक दूल्हे ने, जिसकी आज शादी है, उसने अपने परिवार के साथ विवाह स्थल तक की अंतिम यात्रा पैदल ही करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग से वाहन नहीं गुजर पाने के कारण, उसने कहा कि उसे पैदल ही लगभग सात किलोमीटर की यात्रा करनी होगी, जिसमें चार घंटे से अधिक का समय लगेगा।

    सरकार से NH44 साफ करने का किया अनुरोध

    दूल्हे हशखोर अहमद ने सोमवार बात करते हुए कहा कि मेरी शादी हो रही है और हम नील गगन के लिए जा रहे हैं, कल हुई बारिश के कारण स्थिति ऐसी ही है, इसलिए अब हमें पैदल ही जाना होगा।

    हम सुबह 6 बजे अपने घरों से निकले थे, हमने अपनी कारें पास में ही रखी थीं और अब हम 7-8 किलोमीटर पैदल चलेंगे, फिर हम कारों की तलाश करेंगे। दूल्हे ने आगे कहा कि अगर उनकी पत्नी को घर लाने तक सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो उन्हें अपनी पत्नी को भी पैदल ही ले जाना पड़ेगा।

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    दूल्हे ने कहा कि मैं सरकार से एनएच 44 को साफ करने का अनुरोध करता हूं, बहुत से लोग फंस गए हैं, कुछ बच्चों के साथ, कुछ अन्य लोगों के साथ। सड़क को जल्द से जल्द साफ किया जाना चाहिए।

    सेना के जवानों की केंद्रीय मंत्री ने की थी तारीफ

    बता दें कि रविवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय सेना की समय पर सहायता करने के लिए प्रशंसा की, जिसमें चिकित्सा सहायता शिविर स्थापित किए गए, दवाईयां वितरित की गईं और प्रभावित लोगों तक भोजन और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सुनिश्चित किया गया।

    केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सेना ने चिकित्सा सहायता शिविर स्थापित किए हैं, आवश्यक दवाएं वितरित की हैं और भोजन और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित की है। उन्होंने प्रभावित लोगों के लिए चाय और बुनियादी भोजन की विशेष व्यवस्था भी की है।

    आपदा प्रबंधन के प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट की प्रशंसा करते हुए उन्होंने लिखा कि कल हुई मूसलाधार ओलावृष्टि के बाद, ऊर्जावान डीसी श्री बसीर हक के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम कल रात से ही सराहनीय काम कर रही है।

    भूस्खलन की वजह से अब तक 3 की मौत

    अधिकारियों ने निवासियों से घर के अंदर रहने, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने से बचने और मौसम में सुधार होने और सफाई अभियान पूरा होने तक आधिकारिक सलाह का पालन करने का आग्रह किया है। मौसम की स्थिति के कारण क्षेत्र के स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। भूस्खलन के कारण अब तक दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

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