Jammu Kashmir: डीजीपी दिलबाग सिंह के निर्देश- आतंकी वारदातों, तस्करी के अहम मामलों की जांच जल्द करें पूरी
पुलिस महानिदेशक ने जम्मू संभाग में अपराध की समीक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय में वीरवार को बैठक की। उन्होंने जम्मू संभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तस्करी और आतंकी वारदातों जैसे अहम मामलों की जांच शीघ्र पूरी करने के लिए कहा।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकी वारदातों में आरोपितों को सजा दिलवाने में पुलिस के जांच अधिकारियों की भूमिका अहम है। ऐसे संगीन मामलों के जांच के लिए अधिकारियों को समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जांच अधिकारियों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है। प्रशिक्षण से जांच अधिकारियों की कार्य कुशलता बढ़ेगी।
पुलिस महानिदेशक ने जम्मू संभाग में अपराध की समीक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय में वीरवार को बैठक की। उन्होंने जम्मू संभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तस्करी और आतंकी वारदातों जैसे अहम मामलों की जांच शीघ्र पूरी करने के लिए कहा। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी को बड़ा खतरा बताने और कठोर कार्रवाई करने की बात को दोहराया। उन्होंने नशा तस्करों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए और अधिक ताकत से काम करने की सलाह दी। कोर्ट में चल रहे मामलों के दौरान गवाहों को पेश करने से पूर्व उन्हें पूरे विश्वास में लिया जाए। लंबित मामलों की पैरवी तय समय में की जाए।
बैठक में असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल ट्रांसपोर्ट पुलिस मुख्यालय जेएस जोहर ने इस वर्ष दर्ज मामलों और उनके निपटारे के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जम्मू मुकेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय एमके सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कोआर्डिनेशन पुलिस मुख्यालय दानिश राणा, इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस हेड क्वार्टर भीमसेन टूटी, डीटीपी श्रीधर पाटिल, एसएसपी जम्मू चंदन कोहली, डीआइजी डीआरके रेंज सुनील गुप्ता मौजूद रहे। जिलों के पुलिस अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक से जुड़े।
मवेशी तस्करों का गठजोड़ तोड़ें
दिलबाग सिंह ने कहा कि मवेशी तस्करों के गठजोड़ को तोड़ने की जरूरत है। सिविक एक्शन प्रोग्राम से आम लोगों को जोड़ें। सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस अधिकारी अधिक से अधिक कार्यक्रम करें, जिनमें युवाओं को प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया जाए। हिस्ट्रीशीटर पर नजर रखें। उन्होंने ड्यूटी के दौरान मारे गए पुलिसकर्मियों के स्वजन के लिए पुलिस विभाग की सवेरा योजना की भी समीक्षा की।
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