Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराजा हरि सिंह के खिलाफ बोलना भारी पड़ा, डिप्टी सीएम ने माफी मांगी; सड़कों पर उतर गए थे लोग

    जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने महाराजा हरि सिंह को तानाशाह कहने पर माफी मांग ली है। युवा राजपूत सभा के विरोध के बाद उपमुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। युवा राजपूत सभा ने उपमुख्यमंत्री को 11 बजे तक माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया था। 11 बजते ही युवाओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और सुरिंदर चौधरी का पुतला जलाया।

    By ashok sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 08 Mar 2025 07:58 AM (IST)
    Hero Image
    महाराजा हरि सिंह पर बयान देने के लिए उपमुख्यमंत्री ने मांगी माफी (File Photo)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। महाराजा हरि सिंह (Maharaja Hari Singh) को तानाशाह कहना उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी पर भारी पड़ा है। लेागों में बढ़ते रोष को देखते हुए उपमुख्यमंत्री को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने शुक्रवार को सार्वजनिक माफी मांगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले की उपमुख्यमंत्री माफी मांगते युवा राजपूत सभा के नेता, कार्यकर्ता सड़कों पर उतर चुके थे। युवा राजपूत सभा के कार्यकर्ता सुबह तवी पुल के नजदीक बने महाराजा हरि सिंह पार्क में एकत्रित हुए और सुरिंद्र सिंह चौधरी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

    युवा राजपूत सभा ने दिया था अल्टीमेटम

    युवा राजपूत सभा ने उपमुख्यमंत्री को 11 बजे तक माफी मांगने का अल्टीमेटम दे रखा था। 11 बजते ही युवाओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और सुरिंद्र चौधरी का पुतला जलाया। इस बीच डोगरा चौक से यूनिवर्सिटी की तरफ जाने वाली तवी पुल की एक ट्यूब बंद कर दी गई।

    जिसके चलते देखते ही देखते लंबा जाम लग गया। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी द्वारा जम्मू और कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह जी के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी पर अपनी कड़ी निंदा और गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

    इन बयानों से था आक्रोश

    चौधरी द्वारा महाराजा हरि सिंह को ‘तानाशाह’ कहने और 1931 के विद्रोह में शामिल लोगों को ‘शहीद’ कहने के हालिया बयानों ने आक्रोश को जन्म दिया है, क्योंकि उन्होंने उस अवधि के दौरान की गई हिंसा और अत्याचारों को नजरअंदाज कर दिया। जिसमें कश्मीरी पंडितों की हत्या, उनकी संपत्तियों को जलाना और महिलाओं के खिलाफ अपराध करना शामिल है। 

    तवी पुल को कई घंटों तक रोका

    इन आपत्तिजनक टिप्पणियों के जवाब में, युवा राजपूत सभा ने महाराजा हरि सिंह जी की प्रतिमा के पास एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें कई घंटों तक तवी पुल को अवरुद्ध किया गया। बड़ी संख्या में राजपूत युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और उपमुख्यमंत्री की टिप्पणियों पर अपनी कड़ी असहमति जताई।

    युवा राजपूत सभा के अध्यक्ष रघुबीर सिंह ने कहा कि सुरिंदर चौधरी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है, लेकिन सभा इस बात पर अड़ी है कि ऐसी टिप्पणियां पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। वाईआरएस महाराजा हरि सिंह और डोगरा समुदाय के खिलाफ सभी अपमानजनक बयानों की निंदा करता है।

    सिंह ने चेतावनी दी कि महाराजा हरि सिंह की विरासत को धूमिल करने या डोगरा गौरव का अपमान करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी टिप्पणी करने वाले नेताओं को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

    'भड़काऊ टिप्पणी बिल्कुल अस्वीकार्य है'

    वाईआरएस के अध्यक्ष विक्रम सिंह विक्की ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, विधानसभा में सुरिंदर चौधरी द्वारा की गई गलत सूचना और भड़काऊ टिप्पणी बिल्कुल अस्वीकार्य है। महाराजा हरि सिंह ने राज्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया, जैसे उर्दू को आधिकारिक भाषा घोषित करना, सामाजिक, धार्मिक और कानूनी सुधारों को लागू करना और बैंक, स्कूल, अस्पताल और अदालतों जैसे प्रमुख संस्थानों का निर्माण करना, जो जम्मू और कश्मीर के लोगों को लाभ पहुंचाते रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि समावेशी और विविधतापूर्ण जम्मू और कश्मीर के लिए उनके दृष्टिकोण को अक्सर राजनीतिक लाभ चाहने वालों द्वारा अनदेखा किया जाता है। हमें पुराने राजनीतिक आख्यानों से आगे बढ़ना चाहिए जो राज्य को विभाजित करना जारी रखते हैं।

    विक्की ने 1931 की घटनाओं पर चुनिंदा ध्यान केंद्रित करने की भी आलोचना की। जिसमें हिंसक विरोध प्रदर्शनों में राष्ट्र-विरोधी तत्व शामिल थे। उन्होंने तर्क दिया कि इस चुनिंदा आख्यान का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए हेरफेर किया जा रहा है। जो क्षेत्र में विभाजन और हिंसा को और बढ़ावा दे रहा है।

    वाईआरएस के पूर्व अध्यक्ष राजन सिंह हैप्पी ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, आजादी के 75 साल बाद, यह देखना निराशाजनक है कि कुछ तत्व 1931 में हिंसा और अराजकता के लिए जिम्मेदार लोगों का महिमा मंडन करके इतिहास को विकृत करना जारी रख रहे हैं। महाराजा हरि सिंह ने जम्मू और कश्मीर की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किए। ऐसी शासन व्यवस्था स्थापित की जो अपने समय से आगे थी। हमें क्षेत्र के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिएए न कि विकृत इतिहास पर।

    ऐसे बयान देने से बचे सरकार

    युवा राजपूत सभा ने मांग की है कि जम्मू-कश्मीर सरकार और उसके प्रतिनिधि भविष्य में इस तरह के विभाजनकारी और अपमानजनक बयान देने से बचें। ये टिप्पणियां पहले से ही संवेदनशील क्षेत्र में अशांति पैदा करने का काम करती हैं। सभा महाराजा हरि सिंह की विरासत की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प है और उनकी प्रतिष्ठा या डोगरा समुदाय के गौरव को कम करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।

    माफी मांगने के बाद बंद किया प्रदर्शन

    प्रदर्शन कर रहे युवाओं को जब बताया गया कि सुरिंद्र चौधरी ने माफी मांग ली है और उन्हें उपमुख्यमुंत्री की माफी मांगने वाली वीडियो दिखाई गई तो उन्होंने तवी पुल बंद होने के कारण लोगों को हुई परेशानी को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रदर्शन बंद कर दिया। अपनी जीत के लिए सभा के नेताओं ने सभी युवाओं के एक जुट रहने को श्रेय दिया।

    ये भी पढ़ें- Jammu Kashmir: महाराजा हरि सिंह पर टिप्पणी से गर्माया बजट सत्र, उमर अब्दुल्ला बोले- डिप्टी सीएम ने नहीं किया अपमान

    ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के लिए उमर अब्दुल्ला ने पेश किया 1 लाख 12 हजार करोड़ का बजट, कहा- आर्थिक विकास के लिए रोडमैप तैयार