दलाई लामा ने लेह में रखा चौकांग विहार का नीव पत्थर, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए बौद्ध भिक्षुओं
लद्दाख में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने लेह में नए चौकांग विहार के निर्माण की आधारशिला रखी। यह नया विहार बौद्ध शिक्षा का केंद्र होगा। लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के अधिकारी और श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शामिल हुए। लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन की देखरेख में विहार का निर्माण होगा। पुराने ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है और मूर्तियां धर्म केंद्र में ले जाई गई हैं।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख दौरे पर आए बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने रविवार सुबह लेह में नए चौकांग विहार के निर्माण के लिए नींव पत्थर रखा। नया चौकांग विहार लद्दाख में बौद्ध शिक्षा का अध्ययन का केंद्र बनेगा।
नए चोकांग विहार का नीव पत्थर रखने के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं, लद्दाख प्रशासन के अधिकारियों, लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के पदाधिकारियों व श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन की देखरेख में लेह में नए चौकांग विहार का नीव पत्थर रखने के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां हो रही थी। लेह में नए चौकांग विहार बनाने की तैयारी वर्ष 2024 में शुरू हुई थी।
उस दौरान धार्मिक अनुष्ठान के बीच द्रुक्पा रिनपोचे के मार्गदर्शन में गोंपा के पुराने ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया था और चौकांग विहार की पवित्र मूर्तियों को सम्मानपूर्वक पास में स्थित धर्म केंद्र में स्थानांतरित किया गया था।
लेह में नए चौकांग विहार बनने तक वहीं पर इन मूर्तियों की पूजा- अर्चना की जाएगी। अब इसे लद्दाख बौद्ध वास्तुकला से नए सिरे से बनाया जाएगा। चौकांग विहार को स्थानीय लोग कोंपा सोमा के नाम से भी जानते हैं। लेह में पुराना चौकांग विकार बनाने का काम 1957 में शुरू हुआ था।
इसे बौद्ध धर्म गुरु बकुला रिनपोचे के मार्गदर्शन व संरक्षण में बनाया गया था। इस गोंपा में तिब्बत से लाई गई चौकांग रिनपोचे (मुकुटधारी बुद्ध) की मूर्ति के साथ-साथ गुरु पद्मसंभव की एक मूर्ति भी स्थापित की गई थी।
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