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    लद्दाख में चौथे दिन भी कर्फ्यू जारी, इंटरनेट सेवाएं बंद; कब खुलेंगे स्कूल?

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 10:09 AM (IST)

    लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद लेह में धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिले में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है और रैलियों पर भी प्रतिबंध है। सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया है जिन पर हिंसा भड़काने का आरोप है।

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    लद्दाख में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, करफ्यू के बाद सुरक्षाकर्मी (एजेंसी फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हालिया हिंसा के बाद शनिवार को लेह में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लागू रही।

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    आधिकारिक आदेश के अनुसार, जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगी हुई है। बिना पूर्व लिखित अनुमति के कोई भी जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा।

    इलाके में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। चार सितंबर को विरोध प्रदर्शनों के दौरान लेह में हिंसा भड़क उठी, जब स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई।

    इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई। दो दिन बाद, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया। उन पर "हिंसा भड़काने" का आरोप लगाया गया है।

    'गिरफ्तारी से होगी खुशी'

    कार्यकर्ता लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जो आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन से जुड़ी है और स्वायत्त जिला परिषदों के गठन की वकालत करते हैं।

    इससे पहले गुरुवार को वांगचुक ने कहा था कि उन्हें गिरफ्तारी से खुशी होगी, क्योंकि इससे लोगों को इस मुद्दे के बारे में जागरूकता आएगी।

    वांगचुक ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हिंसा के बाद, सारा दोष सोनम वांगचुक पर डाल दिया गया। मुझे यह भी जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है, जिससे मुझे बिना किसी मुकदमे या जमानत के दो साल तक जेल में रखा जा सकता है।

    'देश की सेवा मेरा आखिरी दौर'

    उन्होंने आगे कहा कि मुझे किसी भी समय गिरफ्तारी में खुशी होगी क्योंकि इससे लोग ज्यादा जागरूक होंगे, बजाय इसके कि मैं जेल से बाहर रहूं। लोग देखेंगे कि जिस व्यक्ति ने देश का गौरव बढ़ाया, वह जेल में है और समझेंगे कि देश कैसे चलता है। शायद, यह देश के लिए मेरी सेवा का आखिरी दौर होगा।

    कर्फ्यू जारी कब खुलेंगे स्कूल?

    प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि सामान्य जीवन बहाल करने के प्रयास जारी हैं। अगर स्थिति शांतिपूर्ण रही तो सोमवार से स्कूल और कॉलेज फिर से खुलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि सभी इलाकों में विश्वास बहाल होने के बाद चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध पूरी तरह से हटा दिए जाएंगे।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ)