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    इंतजार खत्म... कश्मीर तक रेल को मिली हरी झंडी, बर्फीले रास्तों से होकर जाएगी वंदे भारत; क्या होंगी खासियतें?

    Train to Kashmir कश्मीर तक वंदे भारत एक्सप्रेस को मंजूरी मिल गई है। इंस्पेक्शन के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने रेल मार्ग को हरी झंडी दिखाई। सात और आठ जनवरी को कटड़ा से बनिहाल तक 110 किलोमीटर की गति से ट्रेन दौड़ाई गई। आयुक्त ने यात्री गाड़ी और मालगाड़ी को 85 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाने की अनुमति दी है।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 15 Jan 2025 03:16 PM (IST)
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    Delhi to Kashmir Train Project: कश्मीर तक रेल को मिली आयुक्त की हरी झंडी (जागरण फोटो)

    पीटीआई, जम्मू। Kashmir Vande Bharat Train: कश्मीर को देश से रेलमार्ग से जोड़ने और इस पर ट्रेन दौड़ाने के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने मंगलवार को हरी झंडी प्रदान कर दी है और इस मार्ग में ट्रेन दौड़ाने की घोषणा किसी भी समय संभव है।

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    सीआरएस ने सात व आठ जनवरी को कटड़ा से रियासी ट्रैक का ट्राली निरीक्षण किया था और उसके बाद कटड़ा से बनिहाल तक ट्रैक पर 110 किलोमीटर की गति से ट्रेन दौड़ाई थी। तब से सीआरएस की आधिकारिक मंजूरी का इंतजार चल रहा था।

    रेलवे अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सीआरएस ने सइस ट्रैक का ट्राली पर और कुछ स्थानों पर पैदल भी निरीक्षण किया था और उसके आधार पर यात्री गाड़ी और मालगाड़ी को 85 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाने की अनुमति दी है।

    पीएम मोदी दिखाएंगे वंदे भारत को हरी झंडी

    अब किसी भी समय ट्रेन दौड़ाने की तिथि की भी घोषणा हो सकती है और राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई वंदे भारत ट्रेन को कटड़ा से हरी झंडी दिखा सकते हैं।

    कश्मीर के बर्फीले मौसम के लिए विशेष तौर पर ट्रेन को डिजाइन किया गया है और शून्य से 20 डिग्री कम तापमान में भी ट्रेन का सफर थमे नहीं और यात्रियों के लिए विशेष हीटिंग की व्यवस्था की गई है। 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में 111 किलोमीटर कटड़ा-बनिहाल रेल खंड बेहद महत्वपूर्ण ट्रैक है।

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    विश्व के सबसे ऊंचे रेल मार्ग पर दौड़ेगी ट्रेन

    इसी हिस्से में विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे का आर्च पुल (चिनाब नदी से 359 मीटर), देश का पहला रेलवे का केबल आधारित पुल और देश की सबसे लंबी (12.77 किलोमीटर) रेल सुरंग भी है। इसमें से बनिहाल से रियासी का ट्रैक पहले ही पूरा हो चुका था और रियासी से कटड़ा के बीच एक सुरंग के कारण कार्य लटका था और यह कार्य भी दिसंबर माह में पूरा कर लिया गया।

    उसके बाद से तमाम परीक्षण चल रहे थे। अब सीआरएस की तरफ से ट्रेन दौड़ाने की अंतिम मंजूरी मिल गई है। हालांकि इस मंजूरी के अनुसार कुछ नियम भी तय किए गए हैं और तमाम औपचारिकताओं का पालने करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

    इससे पूर्व पिछले माह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कटड़ा से रियासी ट्रैक का निर्माण पूरा होने की घोषणा कर दी थी और उसके बाद से ही इसके लगातार ट्रायल किए जा रहे थे। चार जनवरी को सीआरएस के दोरे से पूर्व आठ डिब्बे की इलेक्ट्रिक गाड़ी को इस मार्ग पर दौड़ाया गया था। एक माह के भीतर छह ट्रायल किए गए।

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