Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिक्षित बेरोजगारों को नहीं मिलेगा कोई भत्ता, विधानसभा में सरकार ने दी जानकारी; कहा- ऐसी कोई योजना नहीं

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 09:41 AM (IST)

    Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर सरकार ने बेरोजगारों को कोई भत्ता नहीं देने का फैसला किया है। राज्य में 370811 बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं लेकिन सरकार के पास उनके लिए कोई वित्तीय सहायता योजना नहीं है। हालांकि रहबर-ए-खेल और रहबर-ए-जंगलात कर्मियों की सेवाओं को नियमित किया जा रहा है। रहबर-ए-खेल शिक्षकों को सात साल की सेवा के बाद नियमित किया जाएगा।

    Hero Image
    जम्मू-कश्मीर में शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने की कोई योजना नहीं (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार से बेरोजगारी भत्ते की आस लगाए बैठे शिक्षित बेरोजगार युवाओं की उम्मीद पूरी नहीं होगी। सरकार के पास ना ऐसी कोई योजना है और ना ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। अलबत्ता, रहबर-ए-खेल के तहत नियुक्त कर्मियों की सेवाओं को पहले की तरह सात वर्ष बाद नियमित किया जा रहा है, जबकि रहबर-ए-जंगलात के तहत लगे कर्मियों की सेवाओं को पांच वर्ष बाद नियमित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। जम्मू-कश्मीर सरकार के पास 3,70,811 बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेरोजगारों को वित्तीय सहायता के लिए कोई योजना नहीं

    प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में रामगढ़ के विधायक देवेंद्र कुमार मन्याल के प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि सरकार के पास पंजीकृत 3,70,811 बेरोजगार युवाओं में 2,13,007 कश्मीर और 1,57,804 जम्मू में हैं। मौजूदा समय में प्रदेश सरकार की बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता देने की कोई योजना या प्रस्ताव नहीं है।

    अलबत्ता, उनके लिए रोजगार के विभिन्न अवसर जुटाने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा सभी सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग और सेवा चयन बोर्ड को भेजा जाता है।

    रहबर-ए-जंगलात कर्मियों की नियमित करने पर हो रहा विचार

    सोनावारी-हाजिन से निर्वाचित विधायक हिलाल अकबर लोन ने वन विभाग में कार्यरत रहबर-ए-जंगलात कर्मियों की सेवाओं को नियमित किए जाने की जानकारी प्रदेश सरकार से मांगी। इस पर सरकार ने बताया कि पांच वर्ष का नियमित सेवाकाल पूरा करने वाले रहबर-ए-जंगलात कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक इस विषय कोई समय सीमा तय नहीं है। सभी विभागों से इस विषय में विचार-विमर्श किया जा रहा है।

    रहबर-ए-खेल शिक्षकों के होगी ये योजना

    सुरनकोट से निर्वाचित विधायक चौधरी मोहम्मद अकरम के प्रश्न पर सरकार ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में स्कूल शिक्षा विभाग और युवा सेवा एवं खेल विभाग में रहबर-ए-खेल योजना के तहत कर्मियों की सेवाओं को सात वर्ष के नियमित सेवाकाल के आधार पर पूरा किए जाने की नीति पहले से ही लागू है।

    इस विषय में 27 अक्टूबर 2017 को एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसके मुताबिक, जारी रहबर-ए-खेल नीति, शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के उपलब्ध पदों के लिए सात साल की निरंतर सेवा के बाद चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण का प्रविधान करती है।

    सरकार ने स्पष्ट किया है कि विभाग में उत्पन्न होने वाली सभी रिक्तियां रहबर-ए-खेल शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए आरक्षित होंगी और अन्यथा नहीं भरी जाएंगी।

    ये भी पढ़ें- आरक्षण की समीक्षा रिपोर्ट पर सरकार के जवाब से छिड़ा विवाद, CM उमर अब्दुल्ला ने दी सफाई; क्या है मामला?

    ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर सरकार लेकर आई रोड सेफ्टी पॉलिसी, 2030 तक दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य

    comedy show banner
    comedy show banner