पाकिस्तान के सैदावाली में भी गूंज रहे बाबा चमलियाल के जयकारे, पारंपरिक रीति-रिवाज से होगा वार्षिक मेले का आयोजन
Baba Chamliyal Fare रामगढ़ के सीमा से सटे छन्नी फतवाल गांव में स्थित बाबा चमलियाल की मजार पर वीरवार से पारंपरिक रीति से वार्षिक मेले का आयोजन होगा। इस मेले में जम्मू-कश्मीर समेत दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालुओं पहुंचने लगे हैं। पाकिस्तान के सैदावाली में भी बाबा चमलियाल के जयकारे गूंज रहे हैं। सैदावाली में बाबा की समाधि पर साप्ताहिक मेला लगा है।
संवाद सहयोगी, रामगढ़। सब सेक्टर रामगढ़ के गांव छन्नी फतवाल स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा चमलियाल के वार्षिक मेले में महज दो दिन ही बचा है। 27 जून, वीरवार को बाबा चमलियाल वार्षिक मेले का पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ आयोजन किया जाएगा।
जैसे-जैसे मेले की तिथि निकट आ रही है, श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी तेज हो गया है। गत रविवार को बाबा दलीप सिंह मन्हास के समाधि स्थल चमलियाल में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने माथा टेका और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
बाबा के दरबार में हाजिरी देने आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समाधि प्रबंधन, मेला कमेटी व प्रशासनिक स्तर पर हर बेहतर प्रबंध किए हैं।
बाबा की समाधि पर जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़
उधर, सरहद के उस पार पाकिस्तान के गांव सैदावाली स्थित बाबा की समाधि पर बीते वीरवार से वार्षिक साप्ताहिक मेला शुरू हो गया है। सैदावाली स्थित बाबा की समाधि पर सुबह-शाम श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। श्रद्धालु बाबा के दरबार में शीश झुकाकर मन्नतें पूरी होने की कामनाएं करते हैं।
सैदावाली में बाबा की समाधि पर लगे साप्ताहिक मेले की रौनक लगातार बढ़ रही है, जिसका पता हर रोज वहां लगने वाले बाबा के जयकारों से लगता है। उधर, 27 जून को मेले की तैयारी में प्रशासन, मेला कमेटी, समाधि प्रबंधन व पंचायत छन्नी फतवाल के पदाधिकारी जुटे हुए हैं। वीरवार को पारंपरिक व श्रद्धा के साथ बाबा चमलियाल वार्षिक मेले का आयोजन होगा।
मान्यता है कि चर्म रोगों से मिलती है मुक्ति
मान्यता के अनुसार बाबा के दरबार में आने वाले कई चर्म रोग से पीड़ित हफ्तों सेवा कर रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। जम्मू-कश्मीर के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड़ से भी कई चर्म रोग पीड़ित इन दिनों बाबा दलीप सिंह मन्हास के समाधि स्थल पर रहकर पवित्र शरबत-शक्कर का लेप लगाकर रोगों से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे हैं।
तीन दर्जन से अधिक लोग बाबा के दरबार में डेरा लगाए बैठे हैं। कहते हैं कि बाबा दलीप सिंह मन्हास के समाधि स्थल चमलियाल में सच्चे मन से सेवा करने पर चर्म रोग से मुक्ति मिलती है।
पंजाब से चर्म रोग मुक्ति के लिए चमलियाल आए मोहन सिंह, कुलविंदर सिंह, गुरमीत सिंह, राजीव कुमार ने कहा कि उनको बाबा की रहमत पर पूरा विश्वास है। इसी विश्वास को मन में लेकर वे बाबा की समाधि पर सेवा कर रोग से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
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