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    'अब कश्मीरी हिंदुओं के मामलों पर भी गौर करे सुप्रीम कोर्ट', Article 370 पर फैसले के बाद पनुन कश्मीर ने की मांग

    By guldev rajEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Thu, 14 Dec 2023 06:30 AM (IST)

    Article 370 अजय चरंगू ने कहा कि आज भी कश्मीरी हिंदुओं को विस्थापित कहा जाता है लेकिन अब सरकार को मानना होगा कि कश्मीरी हिंदुओं के साथ घाटी में अन्याय हुआ। उनका जाति संहार करने की दिशा में काम हुआ। सुप्रीम कोर्ट से हमारी गुजारिश है कि पूरे मामले में हस्तक्षेप किया जाए। सरकार के जवाब का इंतजार न किया जाए।

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    अब कश्मीरी हिंदुओं के मामलों पर भी गौर करे सुप्रीम कोर्ट: पनुन कश्मीर (file photo)

    जागरण संवाददाता, जम्मू: अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पनुन कश्मीर ने स्वागत करते हुए कहा कि कुछ लोगों में पिछले 75 वर्षों से बने भ्रम को भी न्यायालय ने दूर कर दिया है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसमें किसी तरह की कोई शंका नहीं है। इसी तरह आग्रह है कि सुप्रीम कोर्ट कश्मीरी हिंदुओं के मामले में हस्तक्षेप करे और बताए कि कश्मीर में हिंदुओं पर अन्याय हुआ। कुछ ताकतों ने वहां माहौल खराब कर कश्मीरी हिंदुओं का जाति संहार करने का काम किया।

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    बुधवार को जम्मू में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पनुन कश्मीर के चेयरमैन अजय चरंगू ने कहा कि सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने की प्रक्रिया को न्यायालय ने सही ठहराया और यह दिल को तसल्ली देने वाला निर्णय रहा। लेकिन जिन लोगों को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पसंद नहीं आ रहा, उनकी विचारधारा के बारे में हमें अब शक हो रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर प्रश्न खड़ा करने वाले और पुराना अलगाव जिंदा रखने का प्रयास करने वाले सही में देश के दुश्मन हैं। इनकी पहचान की जानी चाहिए। अजय चरंगू ने कहा कि ऐसे में हमें न्यायाधीश कौल के कथन को समझना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी में कश्मीरी हिंदुओं का पलायन स्वेच्छा से नहीं था, घाटी में डर का माहौल था और जिंदगी को बचाने के लिए लोगों को पलायन करना पड़ा। चरंगू ने कहा कि यह बात अब सभी को स्वीकार करना चाहिए।

    आज भी कश्मीरी हिंदुओं को विस्थापित कहा जाता है...

    अजय चरंगू ने कहा कि आज भी कश्मीरी हिंदुओं को विस्थापित कहा जाता है, लेकिन अब सरकार को मानना होगा कि कश्मीरी हिंदुओं के साथ घाटी में अन्याय हुआ। उनका जाति संहार करने की दिशा में काम हुआ। सुप्रीम कोर्ट से हमारी गुजारिश है कि पूरे मामले में हस्तक्षेप किया जाए। सरकार के जवाब का इंतजार न किया जाए। जम्मू-कश्मीर में जो कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुआ है, उसकी जांच कर इसे जाति संहार की घटना करार दिया जाए। कश्मीरी हिंदुओं के हक में जरूरी कदम उठाए जाएं।

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