Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    J&K Election: नेकां के मेनिफेस्टो पर भड़के कश्मीरी हिंदू, शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान बताने पर आक्रोश

    जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान बताए जाने पर कश्मीरी हिंदुओं में गुस्सा है। कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस ने इसे संस्कृति पर प्रहार की बताई साजिश बताया। वहीं पनुन कश्मीर और अन्य संगठन भी इसके विरोध में अपनी आवाज उठा रहे हैं। कश्मीर पंडित कॉन्फ्रेंस के कुंदन कश्मीरी ने फारूक अब्दुल्ला को भी इसके लिए पत्र लिखा है।

    By guldev raj Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 25 Aug 2024 10:48 AM (IST)
    Hero Image
    नेकां के घोषणापत्र में शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान बताने पर भड़के कश्मीरी हिंदू

    जागरण संवाददाता, जम्मू। नेकां के घोषणापत्र में शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान बताने पर कश्मीरी हिंदुओं में आक्रोश फूट पड़ा है और इसे संस्कृति और पहचान को खत्म करने की साजिश करार दिया है। कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस ने इस विषय पर फारूक अब्दुल्ला को सीधा पत्र लिखा है। अन्य कश्मीरी हिंदू संगठन भी इस नेकां की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनाव आयोग को लिखा पत्र

    कश्मीर पंडित कॉन्फ्रेंस के कुंदन कश्मीरी ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है और मांग उठाई है कि कश्मीरी हिंदुओं की पहचान को खत्म करने के प्रयास को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदू घाटी की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता और संस्कृति के संवाहक हैं।

    कुंदन कश्मीरी ने कहा कि नेकां हमारी सभ्यता के तमाम निशान मिटाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास नया नहीं है। कुछ कट्टरवादी तत्व पहले से इस प्रोपेगेंडा पर काम कर रहे हैं और लैलेश्वरी को लैला अरिफा और श्रीनगर को शहर-ए-खास बताने का प्रयास हो रहा है।

    हम उम्मीद करते हैं कि नेका अपना रवैया बदलेगी और न्याय, सबके लिए सम्मान और साझा विरासत के नियमों पर काम करेगी। हम अपनी सभ्यता और संरक्षण के लिए लगातार आवाज उठाते रहेंगे।

    कुंदन कश्मीरी, अध्यक्ष, कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस

    PSA हटाने के वादे को घोषणा पत्र से हटाने की मांग

    उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से पीएसए हटाने के वादे और अन्य बिंदुओं को भी हटाने की मांग उठाई है। कश्मीरी हिंदुओं का कहना है कि कि नेकां ने बता दिया है कि वह कश्मीरी हिंदुओं के पूरी तरह से खिलाफ है।

    वह एक तरफ कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी की बात करती है और दूसरी ओर अलगाववादी स्वर को बढ़ाना चाहती है। अन्य कश्मीरी हिंदुओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नेकां के कदम आतंकवाद को बढ़ावा देंगे। नेकां के प्रयासों को लेकर कश्मीरी हिंदू संगठन आने वाले समय में आंदोलन छेड़ने का भी मन बना रहे हैं।

    शंकराचार्य पर्वत व हरि पर्वत कश्मीरी हिंदुओं की आस्था के प्रतीक हैं। कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि से पड़ा। यह भूमि ऋषियों की भूमि है। इस भूमि से कश्मीरी हिंदुओं की आस्था, संस्कृति जुड़ी है। इनके नाम कैसे बदले जा सकते हैं। नेकां गंदी राजनीति खेल रही है। आज नेकां ने अपनी मंशा लोगों के सामने रख दी है।

    -हीरा भट्ट, सह-प्रभारी, कश्मीरी डिस्प्लेस्ड, जम्मू-कश्मीर

    यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir Election: नेकां-कांग्रेस में गठबंधन होने के बाद आजाद अब बना रहे रणनीति, जल्द बताएंगे प्लान

    जानिए क्या है मुद्दा

    नेकां ने अपने घोषणापत्र में शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान लिखा था और हरी पर्वत को कोह-ए-मरान लिखा था। इस सवाल को गृह मंत्री अमित शाह ने भी उठाया था और कांग्रेस से सवाल पूछा था कि क्या वह शंकराचार्य पर्वत की पहचान खत्म करने की साजिश को समर्थन करती है।

    कश्मीर से हमें विस्थापित होकर जम्मू आना पड़ा। आज हम विस्थापित कालोनियों में रह रहे हैं। अब नेकां ऐसे कदम उठाने लगी है कि हमारी संस्कृति ही खत्म करने की साजिश रची जा रही है। शंकराचार्य पर्वत हमारी आस्था से जुड़ा है। ऋषि मुनियों की भूमि के नाम ही बदले जा रहे हैं।

    -ऊषा रानी दत्त, कश्मीरी हिंदू

    यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir Election 2024: CEO ने मतदाताओं से ECI एप का लाभ उठाने का किया आग्रह, अधिकारी को दिए सख्त निर्देश