महबूबा ने अल्ताफ बुखारी को पीडीपी से किया बाहर
राज्य ब्यूरो, जम्मू : अपने सियासी कुंबे को बचाने और संगठन में बगावत को कुचलने में लगी पीपुल्स ड
राज्य ब्यूरो, जम्मू : अपने सियासी कुंबे को बचाने और संगठन में बगावत को कुचलने में लगी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षामंत्री सईद अल्ताफ बुखारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बुखारी की प्राथमिक सदस्यता रद कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो वह रियासत में तीसरे मोर्चे को हकीकत में बदलने के अलावा नया राजनीतिक दल भी तैयार करने का विकल्प अपना सकते हैं।
पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने अल्ताफ बुखारी को संगठन से निष्कासित किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि वह कई दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। हमारे नेता स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से ही वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए संगठन व रियासत के हितों को नुकसान पहुंचा रहे थे। पार्टी के भीतर जो बगावत हो रही थी, उसका केंद्र वही थे। भाजपा के साथ जिस समय गठजोड़ की कवायद के दौरान पीडीपी एजेंडा ऑफ एलांयस को लागू कराने के लिए दबाव बना रही थी, उस समय बुखारी अपनी एक अलग खिचड़ी पका कर पीडीपी में एक नया गुट बना रहे थे। इससे पीडीपी की स्थिति कमजोर हुई और हम एजेंडा ऑफ एलांयस को पूरी तरह लागू नहीं करवा पाए। बुखारी को मुफ्ती मोहम्मद सईद ने गठबंधन सरकार में कैबिनेट बनाया था। वह संगठन को मजबूत बनाने के बजाय उसे तोड़ने में जुट गए। महबूबा ने उन्हें पहले मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया, लेकिन जब उन्होंने यकीन दिलाया कि वह दोबारा संगठन के खिलाफ काम नहीं करेंगे तो उन्हें फिर मंत्री बनाया गया। बावजूद इसके उनका रवैया नहीं बदला। गत वर्ष जून में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार भंग होने और उसके बाद राज्यपाल द्वारा विधानसभा को भंग करने के बाद वह खुलेआम ऐसे काम कर रहे थे जो पीडीपी के लिए घातक थे। आज मैं घुटन व कैद से आजाद महसूस कर रहा हूं :
अल्ताफ बुखारी ने पीडीपी से अपने निष्कासन के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह मेरे लिए अच्छा ही हुआ है। मैंने कभी संगठन या रियासत के हितों के खिलाफ काम नहीं किया है। मैं एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी से मुक्त हुआ हूं। आज मैं खुद को एक घुटन व कैद से आजाद महसूस कर रहा हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पीडीपी के नाराज नेताओं का कोई गुट लेकर रियासत में तीसरा मोर्चा तैयार करेंगे या किसी अन्य दल का हिस्सा बनेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं किया है। तीसरा मोर्चा या किसी अन्य राजनीतिक दल में जाने से लेकर नया राजनीतिक दल खड़ा करने का विकल्प भी है। पहले मैं अपने समर्थकों और शुभ¨चतकों से ही पूरे हालात पर चर्चा करूंगा तभी अगला कदम उठाऊंगा।