अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगी वायुसेना, पवित्र गुफा के पास रेकी करेंगे हेलीकॉप्टर
इस बार अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने में भारतीय वायुसेना का अहम रोल होगा। वायुसेना के हेलीकॉप्टर नियमित तौर पर पवित्र गुफा के आस-पास रेकी करेंगे। यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए श्राइन बोर्ड ने कई अहम निर्णय लिए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। श्री अमरनाथ धाम की तीर्थयात्रा (Amarnath Yatra 2023) को पूरी तरह सुरक्षित और सुगम बनाने में वायुसेना भी पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभाएगी। वायुसेना के हेलीकॉप्टर नियमित तौर पर पवित्र गुफा के आस-पास के क्षेत्र की रेकी करेंगे। यात्रा मार्ग पर भी वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर चिह्नित स्थान पर तैनात रहेंगे।
यह पहला अवसर होगा जब पूरी यात्रावधि के दौरान वायुसेना के हेलीकॉप्टर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे। पहले भी वायुसेना मदद करती रही है, लेकिन सिर्फ आपात परिस्थितियो में ही आवश्यक्तानुसार वह हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराती थी।
हेलीकॉप्टर की रेकी से क्या पता लगेगा
यात्रा प्रबंधों में शामिल श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर बालटाल और नुनवन मार्ग पर और पवित्र गुफा के आस-पास की पहाड़ियों की नियमित अंतराल पर रैकी कर यह पता लगाएंगे कि कहीं कोई ग्लेशियर तो नहीं टूटा है या किसी जगह कोई कृत्रिम झील तो तैयार नहीं हुई है, ताकि समय रहते बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचने की तैयारी की जा सके।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2022 में श्री अमरनाथ धाम की तीर्थयात्रा के दौरान पवित्र गुफा के ऊपरी इलाकों में बादल फटने से आई बाढ़ में 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। पवित्र गुफा और बालटाल के बीच कई जगह रास्ता भी बह गया था और तीर्थयात्रा को कुछ दिनों तक निलंबित रखना पड़ा था।
राहत कार्य के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे हेलीकॉप्टर
उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग और पवित्र गुफा के आस-पास के इलाकों के हवाई सर्वेक्षण में रिमोट सेंसिंग एंड सैटलाइट और हायड्रालोजी के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। इनमें आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ भी होगा। अगर किसी जगह खतरा बनने वाला जलसंग्रह होता नजर आएगा तो तुरंत उससे निपटने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पंचतरणी, शेषनाग और बालटाल में वायुसेना के एक या दो हेलीकॉप्टर 24 घंटे किसी भी राहत कार्य के लिए उपलब्ध रहेंगे, विशेषकर रात के समय।
उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर कई बार रात के समय कई श्रद्धालु बीमार पड़ जाते हैं और उस समय उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती और उनकी जान चली जाती है। इस स्थिति से निपटने में वायुसेना के हेलीकॉप्टर काम आएंगे। इसके अलावा, यह यात्रा मार्ग पर तैनात सुरक्षाबलों के लिए आवश्यक साजोसामान भी पहुंचाने का काम करेंगे। श्राइन बोर्ड के मुताबिक, वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर पहले ही सीमा सड़क संगठन के लिए यात्रा मार्ग पर सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली निर्माण सामग्र को पहुंचाने में इस्तेमाल हो रहे हैं।

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