आतंकवाद के समूल नाश के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की नई पहल, बेहतर सुरक्षा तंत्र के लिए होगा एआई का उपयोग
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्ते ...और पढ़ें

डीजीपी जम्मू-कश्मीर पुलिस बोले, एआई आधारित सुरक्षा प्रणाली एक नए युग की शुरुआत होगी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमांत इलाकों में सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के समूल नाश के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस अपने खुफिया तंत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित अत्याधुनिक उपकरणों को भी एकीकृत करने जा रही है।
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने कहा कि बदलते परिवेश और भविष्य की जरुरतों को देखते हुए एआई का उपयोग पर आधारित सुरक्षा प्रणाली आवश्यक है।
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने बताया निकट भविष्य में जम्मू कश्मीर पुलिस के पास एआई पर आधारित एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली होगी। इसे इंडियन इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी,जम्मू के सहयोग से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एआई आधारित सुरक्षा प्रणाली को अपनाने का निर्णय हाल ही में रायपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयाेजित एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया है।
इस बैठक में देशभर के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियोंने भाग लिया है।
आइआइटी,जम्मू के साथ एआई सिक्योरिटी ग्रिड की स्थापना के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने गत दिनों एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं।प्रस्तावित एआइ-सुरक्षा प्रणाली में पुलिस को फोरेंसिक, जांच और अपराधों पर रोकथाम जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध बड़ी मात्रा में डेटा के आकलन के आधार पर ऑपरेशनल निर्णय प्रक्रिया में सहयोग करेगा।
मशीनों पर आंख बंद यकीन करना नुकसानदायक
एआई की क्षमता का उल्लेख करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक की हमें मदद लेनी चाहिए, इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए। तकनीक के इस्तेमाल पर पूरी तरह निर्भर होना, मशीनों पर आंख बंद कर यकीन करना नुकसानदायक भी है। इसलिए हमें अपने हयूमन इंटेलीजेंस नेटवर्क को भी लगातार बेहतर बनाते रहना है।
उन्होंने कहा कि एआई प्रणाली उतनी ही ज्यादा बेहतर और प्रभावी होगी,जितने स्टीक डेटा के आधार पर उसे विकसित किया होगा। मशीनें किसी भी इंसान की विचारशीलता,उसके निर्णय लेने की क्षमता का स्थान नहीं ले सकती।मशीनें मदद कर सकती हैं, लेकिन उन्हें कभी हुक्म नहीं चलाना चाहिए।
सुरक्षित भारत ही भारत@2047 की नींव है
उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराधियों से निपटने और आतंकियों के खिलाफ रणनीति में भी बदलाव जरुरी है। एआई के महत्व को नहींं नकारा जा सकता और यह सुरक्षाबलों की समर्थता को और प्रभावकारी बना सकता है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा पुलिस को मशीनों का मास्टर, संचालक होना चाहिए, न कि सिर्फ एक उपयोगकर्ता। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित और सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लिए एक समर्थ सुरक्षातंत्र, सुरक्षित भारत जरुरी है। सुरक्षित भारत ही भारत@2047 की नींव है।

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