Success Story: सेना से रिटायरमेंट के बाद सुनील ने अपने जुनून को बनाया पेशा, बागवानी करके सालाना कमा रहे 25 लाख रुपये
किश्तवाड़ के गुंडारना टागूत निवासी सुनील सिंह ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बागवानी को अपनाया। इस जुनून को उन्होंने अपने पेशेवर व्यवसाय में तब्दील कर लिया। जिसके बाद वो बागवानी के जरिए से सालाना 25 लाख रुपये कमा रहे हैं। 40 कनाल में फैले बगीचे में अखरोट सेब खुबानी सहित फलों के 40 हजार पौधों का विविध कलेक्शन है।

बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़। जिले में बागवानी की सफलता की एक किरण चमक रही है। जिले के गुंडारना टागूत निवासी पूर्व सैनिक सुनील सिंह ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बागवानी को अपनाया।
आज 40 कनाल में फैले उनके विशाल बगीचे में 20 किस्मों के 300 अखरोट के पेड़ों के अलावा खट्टे फल, सेब, खुबानी और नाशपाती सहित लगभग 40 हजार पौधों का एक विविध संग्रह है। उन्हें इस बगीचे से सालाना 25 लाख रुपये की आय हो रही है।
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अकेले अखरोट के 300 पेड़ों से वह सालाना 15 लाख रुपये कमाते हैं। वह गोवा, दिल्ली, महाराष्ट्र और बेंगलुरु सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अपने अखरोट भेजते हैं। वह उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर पूर्वी कश्मीर क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले ग्राफ्टेड अखरोट के पौधे भी आपूर्ति करते हैं, जो तीन साल बाद फल देने लगते हैं।
पेशे में बदला जुनून
सुनील सिंह ने बागवानी के प्रति अपने जुनून को एक समृद्ध उद्यम में बदल दिया है। उनकी बागवानी क्षेत्र में यात्रा बचपन में ही शुरू हो गई थी। पिछले 15 वर्षों में उन्होंने न केवल इस जुनून को पोषित किया है, बल्कि इसे एक पेशेवर व्यवसाय में बदल दिया है। फलों के पेड़-पौधों की नर्सरी और बगीचे की स्थापना में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है।
अखरोट की खेती में बन गए विशेषज्ञ
उनके बगीचे के अखरोट के पौधों पर 98 प्रतिशत की प्रभावशाली ग्राफ्टिंग सफलता दर है। 40 कनाल में फैले विशाल बगीचे का प्रबंधन करते हुए वह बागवानी के विशेषज्ञ बन गए हैं, खासकर अखरोट की खेती में। वह बागवानी पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और कॉलेजों, स्कूलों व विश्वविद्यालयों में व्याख्यान श्रृंखला आयोजित करते हैं। वह बेरोजगार युवाओं के लिए एक चमकदार उदाहरण के रूप में खड़े हैं।
सफलता की कहानी एक प्रेरणा
उन्होंने युवाओं से बागवानी में निवेश करने और पर्याप्त आय व सम्मानजनक आजीविका की संभावनाओं को अपनाने का आग्रह किया है। उनकी सफलता की कहानी एक प्रेरणा के रूप में काम करती है, जो दूसरों के लिए किश्तवाड़ की प्राकृतिक सुंदरता की गोद में समृद्धि पैदा करने का मार्ग प्रशस्त करती है।

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