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    Jammu Kashmir News: राजौरी आतंकी हमले के बाद अब सुरक्षाबलों की तैनाती और वीडीजी पर राजनीति

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Wed, 11 Jan 2023 12:02 AM (IST)

    नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस घटना को सरकार की नाकामी बताया है। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस की चुनावी धांधलियों के कारण ही कश्मीर में बंदूकें आईं हैं और जिससे आतंकवाद पनपा है।

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    नेकां ने इसे सरकार की नाकामी बताया तो भाजपा ने किया पलटवार

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राजौरी में आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती और ग्राम सुरक्षा समूहों (वीडीजी) को सक्रिय करने पर राजनीति खत्म नहीं हो रही है। नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इसे सरकार की नाकामी बताया है। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस की चुनावी धांधलियों के कारण ही कश्मीर में बंदूकें आईं हैं और जिससे आतंकवाद पनपा है। बता दें कि राजौरी के ढांगरी गांव में नए वर्ष पर आतंकियों ने घर में घुसकर सात हिंदुओं की हत्या कर दी थी।

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    इसके अगले दिन आइईडी धमाका भी हुआ है। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने राजौरी और पुंछ जिले में सीआरपीएफ की 18 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं। इसके साथ ही वीडीजी के सदस्यों को हथियार मुहैया कराकर आतंक के खिलाफ खड़े होने के लिए मजबूत किया है।

    उमर ने कहा कि यह घटना सरकार की नाकामी

    दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत में वीडीजी गठन और उसके सदस्यों को हथियारबंद किए जाने के सवाल के जवाब में उमर ने कहा कि यह तो सरकार की नाकामी है। सरकार का झूठ सबके सामने आ गया है। पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर इन लोगों ने पूरे देश को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा और बंदूक तो सिर्फ 370 और 35ए के कारण है। इसके हटने से सबकुछ ठीक हो जाएगा। अब तो साफ हो गया कि यहां हालात 370 के कारण खराब नहीं थे। सरकार को मजबूरी में यहां अधिक संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करने के साथ ही वीडीजी को फिर से सक्रिय करना पड़ रहा है।

    उमर के आरोपों पर भाजपा की कश्मीर इकाई के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस की वर्ष 1987 में चुनावी धांधली के कारण ही सैयद सलाहुद्दीन और यासीन मलिक जैसे आतंकी पैदा हुए। नेकां की ऐसी नीतियों के कश्मीरी युवकों ने बंदूक उठाई, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए। उमर इस सच को नकार नहीं सकते हैं कि पिछले तीन सालों में हड़ताल नहीं हुई है, पत्थरबाजी भी बंद हो गई। स्कूल, कालेज सामान्य रूप से चल रहे हैं। कश्मीर में लोग शान से तिरंगे लहराने के साथ अपने भविष्य को बेहतर बनाने की ओर अग्रसर हैं। अल्ताफ ने राजौरी में आतंकी हमलों आतंकियों की हताशा बताया है। कहा कि उमर को अगर लोगों की इतनी ही फिक्र है तो उन्हें आतंकियों का सामना करने के लिए वीडीजी को मजबूत बनाने की पैरवी करनी चाहिए।

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    उमर बोले- चुनाव जनता का अधिकार

    नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि चुनाव जनता का अधिकार है। अगर इस वर्ष चुनाव नहीं होंगे तो न हों.. हम कोई भिखारी नहीं हैं। चुनाव हमारा हक हैं, लेकिन इस हक के लिए हम भीख नहीं मांगेंगे। हम अपनी झोली नहीं फैलाएंगे। वह यहां चुनाव कराते हैं तो बहुत अच्छा है और अगर नहीं कराना चाहते हैं तो मत कराएं। सरकारी जमीन से लोगों को हटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव न कराने का एक कारण यह भी है। भाजपा और केंद्र सरकार यहां के लोगों को तंग करना चाहती हैं।

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