'Article 370 हटने के बाद बढ़ी नशे की लत...', जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अब AAP विधायक के बयान पर हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक की टिप्पणी को लेकर अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि सदन में किसी भी सदस्य की भावनाओं से खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दरअसल आप विधायक मेहराज मलिक ने बीजेपी की आलोचना करते हुए दावा किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में नशे की लत बढ़ने के अलावा कुछ भी नहीं बदला है।

पीटीआई, जम्मू जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक की विपक्षी सदस्यों के खिलाफ असंसदीय भाषा को लेकर अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने आपत्ति जताई और कहा कि सदन में किसी भी सदस्य को अन्य सदस्यों की भावनाओं से खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
दरअसल, बीजेपी विधायक शाम लाल शर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक द्वारा विपक्षी सदस्यों के खिलाफ की गई टिप्पणी को 'असंसदीय' बताया जिसके बाद बीजेपी विधायकों के विरोध के बाद स्पीकर ने यह टिप्पणी की।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सदन में अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए ट्रेजरी बेंच के पीछे बैठे मलिक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और दावा किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में नशे की लत बढ़ने के अलावा कुछ भी नहीं बदला है।
उन्होंने भाजपा पर नशे की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिसके कारण विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध प्रदर्शन किया और शर्मा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि, स्पीकर ने हस्तक्षेप किया और सदस्यों को आश्वासन दिया कि सदन में किसी को भी उनकी भावनाओं के साथ खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी
शराब की दुकानों में हुई बढ़ोतरी: मलिक
भाजपा के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए मलिक ने कहा कि शराब की दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और जम्मू-कश्मीर में माफिया संस्कृति और भ्रष्टाचार बढ़ गया है, जबकि बाहरी लोगों को बड़ी परियोजनाएं दी गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है और सारा पैसा केंद्र शासित प्रदेश से बाहर जा रहा है।
उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण की मांग की। दिलचस्प बात यह है कि डोडा से आप विधायक ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों के पीछे सीट मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसके बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हस्तक्षेप किया, जिन्होंने उन्हें सूचित किया कि बैठने की व्यवस्था स्पीकर द्वारा तय की गई थी और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मेरे दिल में हैं और मेरे छोटे भाई हैं।
गद्दार बयान को लेकर हंगामा
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील शर्मा के ‘गद्दार’ वाले बयान पर भी भारी हंगामा हुआ। इस पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने 13 जुलाई, 1931 के शहीदों के बारे में विपक्ष के नेता की टिप्पणी को अपमानजनक टिप्पणी करार देते हुए उसे सदन की कार्यवाही से हटाने की घोषणा कर दी।जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा से वॉकआउट कर गए।
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