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    CM बनने के 20वें दिन उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को दिया बड़ा तोहफा, इन लोगों को दिया 200 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ

    Updated: Tue, 05 Nov 2024 02:19 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में 29 प्रतिशत परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिल सकती है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधानसभा सत्र में यह घोषणा की है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुफ्त बिजली किन उपभोक्ताओं को मिलेगी। बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि पहले से ही बिजली राजस्व घाटे के कारण प्रदेश को सालाना 4500 करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है।

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    जम्मू-कश्मीर के 29 प्रतिशत परिवारों को मिल सकता है 200 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ

    जागरण संवाददाता, जम्मू। नेशनल-कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार अपने वायदे के मुताबिक आने वाले समय में प्रदेश में 200 यूनिट मुफ्त बिजली का तोहफा देने जा रही है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा विधानसभा सत्र के पहले दिन उमर सरकार की प्राथमिकता को गिनाते हुए इस बात की जानकारी दी गई।

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    मुफ्त बिजली का यह तोहफा सभी उपभोक्ताओं को नहीं बल्कि योग्य उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। अगर इस योजना का लाभ बीपीएल उपभोक्ता को मिलता है तो बिजली निगम के 22 लाख उपभोक्ताओं में से 6.53 लाख बीपीएल उपभोक्ता इसके हकदार होंगे।

    घाटे के कारण हो रहा इतने करोड़ का नुकसान

    हालांकि बिजली की मुफ्त 200 यूनिट हासिल करने वालों में कौन से उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी इसकी जानकारी बिजली निगम के किसी अधिकारी के पास भी नहीं है।

    अधिकारियों का कहना है कि पहले ही बिजली राजस्व घाटे के कारण प्रदेश को सालाना 4500 करोड़ रूपये का घाटा सहना पड़ रहा है। ऐसे में अगर सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 29.68 प्रतिशत परिवारों को चुनती है तो यह घाटा और बढ़ सकता है।

    जम्मू में 4.17 लाख बीपीएल उपभोक्ता

    बिजली निगम में पंजीकृत बीपीएल उपभोक्ताओं की बात करें तो जम्मू संभाग में 4.17 लाख परिवार शामिल हैं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 3.71 लाख जबकि शहरी क्षेत्रों में 0.45 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। इसी तरह कश्मीर घाटी में 2.13 लाख बीपीएल उपभोक्ता हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1.89 लाख जबकि शहरी क्षेत्रों में 0.24 लाख उपभोक्ता हैं।

    सरकार पहले ही दे रही बिजली बिल में राहत

    बिजली निगम के एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदेश में पहले ही उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी पर दी जा रही है। पांच से सात रुपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को 2.30 रुपये में दी जा रही है। अगर हर कोई बिजली का सही इस्तेमाल करे तो अभी भी सभी बिजली बिल में राहत पा सकते हैं।

    बिजली निगम प्रत्येक उपभोक्ता से पहली 200 यूनिट तक मात्र 2.30 रुपये प्रति यूनिट वसूलता है यानी मात्र 460 रुपये। इससे अधिक यूनिट खर्च करने पर बिजली दर चार रुपये हो सकती है। जमीनी हकीकत यह है कि एक बीपीएल उपभोक्ता भी गर्मियों में 400 से 500 यूनिट तक बिजली फूंकता है। जबकि सर्दियों में यह खपत कम हो जाती है।

    हर साल 30 करोड़ रुपये का होगा सहना होगा घाटा

    बिजली विभाग हर साल बिजली खरीद पर नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती है। तमाम प्रयास के बाद खर्च की आधी राशि ही राजस्व वसूली में वापस आ पाती है।

    इस पर अगर प्रदेश सरकार बीपीएल उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त देती है तो इसकी वजह से भी हर वर्ष राजस्व घाटे में 30 करोड़ बढ़ना तय है। बिजली निगम के अनुसार प्रदेश में करीब 22 लाख उपभोक्ताओं में 6.53 लाख बीपीएल उपभोक्ता हैं।

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    अभी प्रदेश में नहीं हुई है 100 प्रतिशत स्मार्ट मीटिरिंग

    जम्मू-कश्मीर में 22 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिनमें अभी तक सात लाख उपभोक्ता ही स्मार्ट मीटर के अधीन हैं। सौ प्रतिशत मीटरिंग न होना भी प्रदेश में बिजली घाटे का प्रमुख कारण है।

    प्रदेश सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि मार्च 2025 तक 100 प्रतिशत स्मार्ट मीटरिंग कर दी जाएगी परंतु इस पर काम कर रही एजेंसियों की गति और लोगों के विरोध के चलते इस लक्ष्य को हासिल कर पाना नामुमकिन सा लग रहा है।

    बिजली निगम के अनुसार जो उपभोक्ता मीटरिंग से बाहर हैं, उनसे फ्लेट रेट के हिसाब से किराया वसूला जा रहा है। ये रीडिंग भी हर माह 200 यूनिट के हिसाब से ही डाली जाती है, चाहे वे उपभोक्ता इससे अधिक बिजली फूंक रहा हो।

    जब तक प्रदेश में मीटरिंग नहीं होती सरकारी योजनाओं का लागू हो पाना मुमकिन नहीं है। सरकार ने भले मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर दी हो परंतु इसे लागू होने में समय लग सकता है।

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